अवध में राम आए हैं" भजन का हुआ लोकार्पण

अवध में राम आए हैं

नई दिल्ली। 500 वर्ष के संघर्ष एवं लाखों श्रद्धालुओं के जीवन त्याग के बाद अयोध्या में राम मंदिर बना है। देश मे राम राज्य स्थापना हेतु जगह जगह आयोजन हो रहा है इसी उद्देश्य के संग राम राज्य में नागरिक दायित्व पर केंद्रित कार्यक्रम राम राज्य "एक शपथ " अनुभव एजुकेशनल एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित किया गया। दंडी स्वामी राम आश्रम जी महाराज, स्वामी संजय जी महाराज,वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी, शिक्षाविद पद्मभूषण स्यामा चोना, विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रान्त अध्यक्ष कपिल खन्ना,भारत सरकार में मंत्री डॉ हर्षवर्धन, मिनाक्षी लेखी एवं सांसद गायक हंसराज हंस के संग दर्जनो देश के नामचीन हस्तियों ने इस कार्यक्रम में सीरकक्त की।
 
नागरिक सहयोग के अभाव में देश निर्माण नही किया जा सकता, लगभग सभी वक्ताओं ने इस विषय पर जोर दिया और सबका साथ सबका विकास के सूत्र को राम राज्य से जोड़कर सरकार समाज के मध्य समन्वय पर बल दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भाजपा  दिल्ली प्रदेश की पूर्व उपाध्यक्ष एवं महिला आयोग दिल्ली प्रदेश पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह के स्वर में भजन "अवध में राम आएं हैं" का लोकार्पण रहा।श्रीमती बरखा सिंह ने अपने गीत के लोकार्पण के अवसर पर कहा, देश  राम भक्ति में लीन है सब अपनी अपनी क्षमता अनुसार प्रभु राम के चरणों मे समर्पण कर रहे हैं मैं इस भजन को प्रभु को अर्पित कर रही हूं। इसलिए इस भजन में भाव को प्रधान रखा गया है। यहां वक्ताओं ने नागरिक दायित्व पर ज्ञानवर्धक बातें कहीं। मेरा मानना है ये दायित्व हर क्षेत्र में आवश्यक है, गीत संगीत हमारे संस्कृति का द्योतक है।
 
मैं आधुनिकता की पुरजोर समर्थक हूँ जानती हूं वर्तमान से शिकायत बुढ़ापे की निशानी है इसलिए वर्तमान से शिकायत नही बल्कि साकांक्ष कर रही हूं कि आधुनिकता उदंडता में तब्दील ना हो जाये इस कारण भारतीय संगीत  में भारतीयता की सुगंध बरकरार रखी जाए। सभी जानते हैं पैकेज फ़ूड जंक फूड हमारे स्वास्थ्य को खराब करता है इसी प्रकार घटिया गीत संगीत मस्तिष्क को बीमार कर देता है । रामराज्य में गीत संगीत ऊर्जा वर्धक मन मस्तिष्क को शांत और चित को प्रफुल्लित करने वाला हो जिस दिशा में मेरी ये छोटी सी प्रयास आप सबके समक्ष है। कार्यक्रम का संचालन गीतिका उनियाल ने की जबकि अतिथियों का स्वागत अनुभव संस्था की प्रमुख रुक्मिणी सिंह ने की।
 
 
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