ओटीएस की धीमी रफ्तार, सिर्फ डेढ़ फीसद बकाएदारों ने कराया रजिस्ट्रेशन

- बड़े उपभोक्ताओ को रास नही आ रही एकमुश्त समाधान योजना, 

-कही जागरूकता का अभाव तो कहीं बड़े बकायेदार बिजली बिल जमा करने में कर रहे मनमानी, राजस्व वसूली में विभाग पीछे
 
उन्नाव। बकाएदारों को सरचार्ज माफी योजना रास नहीं आ रही है। वह बिल जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। ओटीएस योजना को शुरू हुए 10 दिन हो गए हैं, मगर पंजीकरण की संख्या निराशाजनक है। 3 लाख 85 हजार बकाएदारों के सापेक्ष अभी तक सिर्फ साढ़े चार हजार बकाएदारों ने ही पंजीकरण कराया है। ऐसे में राजस्व वसूली काफी धीरे गति से चल रही है। जिले के पांच डिवीजन के 52 उपकेंद्रों के तहत कुल 5.48 लाख उपभोक्ता हैं।
 
इनमें बकाएदारों की एक लंबी फौज है। 3.85 लाख बकाएदार हैं। सरकारी विभाग को छोड़ कामर्शियल व घरेलू उपभोक्ताओं को मिलाकर कुल 248 करोड़ रुपये का बिल बकाया है। बिजली विभाग बकाएदारों से बिल वसूलने के लिए सारे जतन कर चुका है, लेकिन बकाएदार बिल जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। बकाएदारों की सहूलियत के लिए विभाग की ओर ओटीएस योजना की शुरुआत की है। आठ नवंबर से यह योजना चल रही है। विभाग की टीम ने प्रचार-प्रसार के जरिए बकाएदारों को जागरूक किया।
 
जिससे बिल जमाकर वे सरचार्ज माफी योजना का लाभ उठा सकें, मगर इसके बाद भी बकाएदार योजना का लाभ लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। वह बिल जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। पंजीकरण काउंटर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। ऑनलाइन पंजीकरण की संख्या में भी इजाफा नहीं हो रहा है। इसे लेकर विभागीय अधिकारी भी चिंतित हैं। अधीक्षण अभियंता सुदेश कुमार ने बताया कि बकाएदारों को योजना का लाभ उठाना चाहिए। वे किस्त में बिल जमा कर सकते हैं। अभी तक सिर्फ डेढ़ प्रतिशत बकाएदारों ने ही पंजीकरण कराया है।
 
नंम्बर गेम:
-ओटीएस में चिन्हित 60471 बड़े बकायेदारों पर 140 करोड़ रुपए बकाया पड़ा।
-325,123 उपभोक्ता पर 108 करोड़ रुपए बकाया पड़ा।
-अब तक सिर्फ 4075 छोटे बकायेदारों ने रजिस्ट्रेशन कराया,
-10 हजार के ऊपर वाले बड़े बकायेदारो में सिर्फ 458 लोगों ने 10 दिनों में दिखाई रुचि। 
 
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