जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से हो सजग: डॉ. हीरा लाल
हर खेत को पानी और जलवायु परिवर्तन के विषय पर हुआ विचार विमर्श
लखनऊ। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के विषय पर नव वर्ष की पूर्व संध्या पर गोमती रिवर फ्रंट पर ग्रेटर शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास प्राधिकारी परियोजना के तत्वावधान में गोष्ठी की गयी। रविवार को हर खेत को पानी एवं जलवायु परिवर्तन विषय पर विभाग के सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को उपहार देकर सम्मानित करने के साथ पौध रोपण किया गया। इस मौके विकास प्राधिकारी परियोजना प्रशासक डॉ. हीरा लाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के बारे में आज हर किसी सजग रहना चाहिए।
उन्होंने एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि आज भी 95 फीसद लोग जलवायु परिवर्तन, उसके कारण और नुकसान से अनभिज्ञ हैं, ऐसे में इस तरह की गोष्ठी का आयोजन कर जागरूकता लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी जरूरत है कि हम अपने घर और आस-पास पेड़ अवश्य लगायें, इसके साथ ही जल के दुरुपयोग को रोककर प्रकृति के साथ दोस्ती निभाएं। विभाग के अधिकारियों को सलाह दी कि खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए बनने वाली नालियों के बीच खाली स्थान पर वन विभाग और शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर पौध रोपण अवश्य किया जाए।
इसके साथ ही प्लास्टिक मुक्त समाज बनाने पर भी ध्यान देने की सलाह दी। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अजय दीप सिंह ने विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि डॉ. हीरा लाल जब बांदा के जिलाधिकारी थे तब भी जल, जंगल और जमीन को सुरक्षित बनाने पर कई नवप्रयोग किये, जिसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया। इस मौके पर संयुक्त निदेशक संजय त्रिपाठी, अपर आयुक्त राजीव आचार्य, कृषि विशेषज्ञ पवन सिंह, डॉ. गौरीशंकर, वंदना भारती, काव्या, विनय मिश्र, हिमांशु पाण्डेय, सुदर्शन दीक्षित, गो फॉर गोमती के अंकित दीक्षित,सर्वेभ्यो फाउन्डेशन के आलोक ने भी गोष्ठी को संबोधित किया।