फैशन शो में आत्मविश्वास से लबरेज दिखीं वनटांगिया महिलाएं*:
गोरखपुर महोत्सव का मंच बना वनटांगियों के जीवन में आए बदलाव का साक्षी*
×गोरखपुर, । गोरखपुर महोत्सव, दशकों तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे वनटांगिया समुदाय की महिलाओं के जीवन में आए बदलाव और उनकी सशक्त होती जिंदगी का भी साक्षी बना। महोत्सव 2024 के मंच पर जब ये महिलाएं ‘कवने दिशा में लेके चला रे बटोहिया’ गीत पर मंच पर वाक करते आईं तो उनका आत्मविश्वास देख सभी हतप्रभ थे।
शनिवार देर शाम वनटांगिया महिलाएं ‘ग्रामीण संस्कृति से आधुनिक संस्कृति मे परिवर्तन’ थीम पर भोजपुरी, पंजाबी, स्पेनिश, फ्रेंच एवं हिंदी रैप संगीत के फ्यूजन पर बम्बू सिल्क की साड़ियां पहन कर महोत्सव के मंच पर उतरी। पांच साल के बच्चे से लेकर 75 साल के बुजुर्ग दम्पत्ति ने रैंप पर जलवा दिखाया। इस खास फैशन शो की संयोजक सुगम सिंह शेखावत समेत रैंप पर विशाल, काजल, नीतू, सपना, ज्योति, रिंकी, दूजी, मोदी, निहाल,आंचल, राज एवं संगीता ने वॉक किया।
वनटांगियां के रूप में जंगलों से सिमटी ये महिलाएं गोरखपुर महोत्सव 2023 से शुरू अपने सफर की बदौलत ताज महोत्सव समेत कई मंचों पर जलवा बिखेर चुकी हैं। सकुचाई सी रहने वाली नीतू, ज्योति, सपना, रिंकी फैशन व संस्कृति शो में आत्मविश्वास से लबरेज कूट बाजरा.., बेबी कम डाउन और युग रामराज आ गया सरीखे गीत के बोल पर आकर्षक रैंप वॉक से महिला सशक्तिकरण की तस्वीर पेश करती हैं। भले ही शिक्षा के मामले में कमजोर हो लेकिन केंद्र एवं प्रदेश सरकार की सुविधाओं से आच्छादित परिवारों की महिलाओं कुछ नया करने का जज्बा भी आया है। इन महिलाओं का फैशन की दुनियां से परिचय कराने में गोरखपुर में पली बढ़ी सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता सुगम सिंह शेखावत का योगदान हैं जिन्होंने इन वनटांगिया महिलाओं को ग्रूम किया और सांसद रवि किशन ने महोत्सव का मंच दिलाया। जनवरी 2022 से अब तक गोरखपुर महोत्सव, आगरा महोत्सव, अयोध्या के सावन झूला महोत्सव, मथुरा, काशी में जी-20 समारोह व महराजगंज महोत्सव में फैशन व संस्कृति शो में प्रदशर्न कर चुकी हैं।
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