भतीजे ने की थी चाचा की हत्या,फंसाने कब्र पर रखी लाश
चप्पल से आरोपी तक पहुंची पुलिस
- खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पच्चीस हजार की पुरस्कार राशि
लखनऊ। नगराम थाना क्षेत्र के कुबहरा गांव में रिश्ते के भतीजे मंशाराम ने मजदूर महेश कुमार की हत्या की थी। शराब पीने के दौरान हुए विवाद में महेश ने मंशाराम को थप्पड़ मारा था। इससे गुस्साए मंशाराम ने महेश को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। अपनी बेल्ट से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।
गांव के लवकुश और उसके परिवार वालों को फंसाने के लिए शव को सहजराम (लवकुश के पिता) की कब्र पर रखकर फरार हो गया। पुलिस आरोपी की बेल्ट और चप्पल से उस तक पहुंची। बुधवार को उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि कुबहरा के 35 वर्षीय महेश कुमार का 5 अप्रैल को गांव में सहजराम के कब्र पर शव मिला था। उसके गले में बेल्ट कसा था। पास में एक चप्पल पड़ी थी। महेश की पत्नी सुनीता ने गांव के लवकुश, उसकी मां, बहन समेत छह लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई।
मामले की छानबीन की गई, तो पता चला कि महेश के गले में बंधी बेल्ट और मौके से मिली एक चप्पल उसके रिश्ते के भतीजे मंशाराम की है। लवकुश के परिवार को फंसाने की रची थी साजिश निपुण अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को मंशाराम को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके घर से दूसरी चप्पल बरामद कर ली गई। पूछताछ में उसने बताया कि 24 अगस्त 2022 में गांव के सहजराम ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। महेश और उसकी पत्नी सुनीता की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या करने का सुसाइड नोट मिला था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके महेश और उसकी पत्नी को जेल भेजा था। दोनों करीब तीन महीने बाद जेल से छूटे थे।
मंशाराम यह बात पता थी। इस वजह से उसने महेश की हत्या करके उसके शव को सहजराम की कब्र पर रख दिया था, ताकि सभी को लगे की सहजराम के घरवालों ने उसकी मौत का बदला देने के लिए महेश की हत्या की है। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि 4 अप्रैल को महेश ने शाम 6 से रात 8:30 बजे तक शराब पी। शराब खत्म हो गई, तो कुबहरा तिराहा स्थित शराब के ठेके पर गया। वहां उसकी मंशाराम से मुलाकात हुई, फिर दोनों ने तिराहे से करीब 200 मीटर दूर खाली मैदान में पाकड़ के पेड़ के नीचे शराब पी। नशा होने पर दोनों में वहीं पर विवाद हुआ और मंशाराम ने उसकी हत्या कर दी। वहां से करीब 10 मीटर की दूरी पर सहजराम की कब्र देखकर उसके परिवार वालों को फंसाने के लिए शव को वहां रखकर फरार हो गया।
पुलिस की सूझबूझ से लवकुश का परिवार बचा एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि शव को रखकर भागते समय मंशाराम गलती से अपनी एक चप्पल मौके पर ही छोड़ गया। उसकी जगह महेश की चप्पल पहनकर चला गया। पुलिस टीम ने सूझबूझ से मामले की जांच की, जिससे असली आरोपी पकड़ा गया और लवकुश व समते उसके परिवार के छह सदस्यों को क्लीन चिट मिली। इस मामले के सही खुलासे के लिए पुलिस टीम को 25 हजार रुपए का इनाम दिया गया।
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