पुराने ढर्रे पर पहुंचा टैफिक,डीसीपी ने तीन को किया था सस्पेंड
कार्रवाई के बाद भी नहीं सुधर रहे ट्रैफिक पुलिस कर्मी
- पॉलिटेक्निक से डग्गामार बसों और ई-रिक्शा चालकों से वसूली के लगते हैं आरोप
लखनऊ। हाईकोर्ट से मात्र कुछ मीटर पर मौजूद पॉलिटेक्निक चौराहे की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर ट्रैफिक पुलिस कर्मी बिलकुल भी संजीदा नहीं है। डग्गामार बसों का लगातार पॉलिटेक्निक चौराहे पर अवगम जारी है। यह आलम तब है जब डीसीपी ट्रैफिक ने बीते 15 अक्टूबर 2024 को कार्रवाई करते हुए तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया और सख्त हिदायत दी थी। लेकिन चौराहे पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की सरपरस्ती के कारण डग्गामार बसे बेधड़क चौराहे से होकर गुजर रही हैं। पुलिसकर्मियों की हीलाहवाली इस बात से भी नजर आती है कि एक पुलिसकर्मी पांच लोगों को एक मोटरसाइकिल पर बैठाकर चौराहे से गुजर गया लेकिन पुलिस कर्मी अपनी आँखे मूंदे बैठे रहे।
राजधानी का पॉलिटेकिनक चौरहा अति संवेदनशील माना जाता है। इसका कारण पास में मौजूद लखनऊ का हाईकोर्ट है। पीठासीन जज ने भी कई बार चौराहे पर लगने वाले जाम को लेकर नाराजगी जताई है। समय- समय पर उच्चाधिकारी भी कर्मियों को इसकी हिदायत देते हैं। लेकिन समय बीतने के बाद पुलिसकर्मी पुराने ढर्रे पर पहुँच जाते हैं। शुक्रवार तरुणमित्र के छायाकार ने कुछ ऐसी ही तस्वीरों को कैमरे में कैद किया। चौराहे पर डग्गमार बसों का जमावड़ा नजर आया।
लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई। आरोप लगे हैं कि ट्रैफिक उपनिरीक्षक और आरक्षी चौकी में बैठकर आराम फरमाते हैं। जबकि चौराहा होमगार्ड चलाते नजर आते हैं। गौरतलब है कि बीते 15 अक्टूबर 2024 को अयोध्या रोड पर चल रहीं डग्गामार बसों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप सिंह ने तीन यातायात पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर किया था। इस दौरान क्यूआरटी पर तैनात दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों ने डग्गामार बस को रोका। कुछ देर तक बातचीत की और फिर जाने दिया था।
इस मामले में जांच कराकर आरोपी कर्मियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जायेगी। - अशोक कुमार सिंह, अपर पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक
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