7 जनवरी के बाद 7 मार्च, आरटीओ में जनता को पहुंच रहा आघात!
पहले सूर्यपाल गंगवार अब डीएम विशाख जी. दलबल संग पहुंचे ट्रांसपोर्टनगर कार्यालय
- पहली बार सूचना न देने पर नवागत टीसी ने लगाई थी फटकार, मांगा था स्पष्टीकरण
- डीएम बोले भ्रष्टाचार पर कार्रवाई जारी, 3 दलाल हिरासत में, अवैध बिल्डिंग सील
- मुख्यालय पर डीटीसी राधेश्याम को मिला लखनऊ जोन का प्रभार, उन पर बढ़ा प्रेशर
लखनऊ। तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़ें झूठे हैं ये दावा किताबी है...लोक कवि अदम गोंडवी की ये पंक्तियां कहीं न कहीं और किसी न किसी रूप में शुक्रवार को लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय में चरितार्थ होती दिखीं। ऐसा इसलिये क्योंकि एक ओर डीएम लखनऊ का यह कहना कि मौजूदा सिस्टम में परिवहन विभाग की कुल 53 सेवायें पूरी तरह ऑनलाइन और फेसलेस हो चुकी हैं, ऐसे में किसी भी व्यक्ति को आरटीओ-एआरटीओ कार्यालय आने की जरूरत नहीं। मगर सवाल यह है कि इन सभी सेवाओं की सटीक जानकारी, इसकी ऑनलाइन प्रक्रिया को भरने का तकनीकी ज्ञान क्या समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को है, तभी आगे वो यह भी कहते हैं कि इसको लेकर परिवहन कार्यालयों में कैम्प लगाने की भी जरूरत है ताकि लोग इन सेवाओं के प्रति अवेयर हो सकें।
मगर, डीएम साहब को इससे इतर आरटीओ कार्यालय के बाहर की तस्वीर क्या दिखी, कार्यालय परिसर के अंदर आरटीओ-एआरटीओ और उनके बाबुओं व सहकर्मियों का पूरा जत्था और पुलिस चौकी व उनकी टीम...गेट के ठीक सामने छोटे-बड़े कॉम्प्लेक्स, मड़ईया और अनियंत्रित तरीके से पार्क की गईं दो व चार पहिया गाड़ियां का जखीरा, एक तरह से पूरा अतिक्रमण का माहौल। जो परिवहन प्रवर्तन दस्ता हाईवे से लेकर सड़कों पर जहां-तहां खड़े अनधिकृत वाहनों को ठिकाने लगाने में देरी नहीं करता, वो अपने संभागीय कार्यालय के सामने कैसे इस अतिक्रमण को बर्दाश्त कर सकता है, सवाल यह भी है।
बता दें कि अभी हाल ही में विगत सात जनवरी को तत्कालीन डीएम और मौजूदा सचिव सीएम सूर्यपाल गंगवार भी कुछ मिली शिकायतों के आधार पर ही अचानक टीपीनगर आरटीओ कार्यालय पहुंच गये थे और यह भी कहा था कि यहां बाहरी आने-जाने वाली गाड़ियों का पूरा ब्यौरा रखा जाये...मगर क्या स्थानीय परिवहन प्रशासन ने इस पर अमल किया, इसको चेक किया गया। वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो उस घटनाक्रम को लेकर नवागत ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने काफी नाराजगी भी ज़ाहिर की थी, कि आरटीओ ने उन्हें शीघ्र ही इससे अपडेट क्यों नहीं किया और इस पर स्पष्टीकरण भी मांगा था।
वहीं अब जैसे ही पांच मार्च को मुख्यालय पर तैनात डीटीसी राधेश्याम को परिवहन आयुक्त ने लखनऊ जोन का अतिरिक्त प्रभार दिया तो ठीक एक दिन बाद फिर से मौजूदा डीएम दलबल के साथ स्थानीय आरटीओ कार्यालय पहुंच गये...सूत्रों की माने तो क्रमवार हो रहे इस कृत्य को लेकर मुख्यालय, जोन-संभाग से लेकर सूबे के अन्य परिवहन कार्यालयों में भी दबे जुबां चर्चा है...कहना है कि आखिर क्या माज़रा है, कि राजधानी लखनऊ के स्थानीय आरटीओ कार्यालय क्रमवार डीएम व पुलिस टीम औचक निरीक्षण को पहुंंच जा रही है।
अब ठीक सात जनवरी को वर्तमान डीएम विशाख जी. अय्यर, डीसीपी वेस्ट निपुण अग्रवाल के साथ टीपीनगर आरटीओ कार्यालय पहुंच गये और पूछताछ शुरू कर दी। आलम यह रहा कि डीएम के आने की सूचना पर कैंपस में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। वहां पहले से जमे अनधिकृत और दलाल लोग जहां-तहां भागने लगे। इस दौरान पुलिस ने 3 दलालों को पकड़ लिया। डीएम ने वहां पास में ही बन रही अवैध बिल्डिंग को तुरंत सील करने के निर्देश दिए। साथ ही बिना जनसेवा केंद्र के लाइसेंस वाली कई दुकानों को भी सील करने का आदेश दिया।
डीएम ने तकरीनब एक घंटे तक आरटीओ कार्यालय के अंदर कई काउंटरों पर सीधे जाकर निरीक्षण किया। डीएम बोले कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। प्रशासन ऑनलाइन प्रक्रिया को सख्ती से लागू कराएगा, ताकि आवेदकों को दलालों की जरूरत न पड़े।
उन्होंने इस दौरान आरटीओ कार्यालय में लगे सीसीटीवी की जांच कर एक सप्ताह में आने-जाने वाले संदिग्धों को चिह्नित कर पूछताछ करने और कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। डीएम के औचक दौरे के दौरान आरटीओ प्रशासन संजय कुमार तिवारी, आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज, एआरटीओ प्रशासन पीके सिंह सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
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