पूर्व आईएएस की पत्नी की हत्या का खुलासा, तीन गिरफ्तार
उन्हीं ड्राइवर ने भाई और साथी के साथ मिलकर रची साजिश
- मुठभेड़ में एक सिपाही को लगी गोली, आरोपित घायल
लखनऊ। गाजीपुर थाना क्षेत्र सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या का खुलासा पुलिस ने मंगलवार को कर दिया है। हत्या की साजिश रचने में ड्राइवर, उसका भाई और एक साथी पकड़ा गया है। एनकाउंटर में मुख्य आरोपित को गोली लगी है, जबकि एक सिपाही घायल हुआ है।
पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर ने घटना का खुलासा करते हुए कहा की थाना गाजीपुर क्षेत्र के इंदिरानगर सेक्टर 20 में शनिवार सुबह पूर्व आईएएस देवेंद्र दुबे के घर में घुसकर बदमाशों ने उनकी पत्नी मोहिनी की हत्या कर दी थी और घर से नगदी सहित कीमती जेवरात लूटकर मौके से फरार हो गए थे। मामले की जांच में जुटी पुलिस टीमों ने सीसीटीवी कैमरे की सहायता से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और वारदात का मास्टर माइंड अखिलेश ने ड्राइवर रवि और एक साथी की मदद से घटना को अंजाम दिया था। गिरफ्तार मुख्य आरोपी से जब पूछताछ की तो उसने बताया की लूट का सारा सामान उसने कुकरैल बंधे के पास झाड़ियों में छुपा रखा है। जब पुलिस ने उसकी निशानदेही पर लूट का माल बरामद करने के लिए उसे साथ ले गई तो उसने एक बैग में लूट के माल के साथ एक अवैध तमचा छुपा रखा था और जब पुलिस ने उससे बैग खोलने को कहा तो उसने भागने की नियत से बैग में रखे असलहे से पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो अखिलेश के पैर में गोली लग गई।
इस दौरान थाना गाजीपुर में तैनात एक सिपाही को भी चोटें आई हैं। दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भेज दिया गया है और लूट के माल सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस ने सफलता प्राप्त की है। पूछताछ में वारदात के मुख्य आरोपी अखिलेश यादव ने बताया कि मैं और उसका भाई रवि पिछले 13 वर्षो से देवेन्द्र नाथ दुबे निवासी इन्दिरानगर थाना गाजीपुर लखनऊ रिटायर्ड आईएएस के यहां गाड़ी चलाने व घर का काम करते थे। जो अपनी पत्नी ललित मोहनी दुबे के साथ अकेले रहते थे। पुराने होने के कारण हम लोग विश्वसनीय थे एक दिन वह स्टोर रूम में सफाई कर रहा था तभी ललित मोहनी दुबे ने वहां पर रखी अलमारी में से गहने निकाले और कहीं जाने के लिए उनमें से कुछ गहने छांट कर बेड पर रख दिये।
जिनको मैने देखा तब मुझे पता चला कि मैडम की इस आलमारी में गहने रखे हैं तभी उसके मन में जल्दी अमीर बनने का लालच आ गया। यह बात उसने घर जाकर अपने भाई रवि यादव को बताई तो उसने मुझे सलाह दी कि देवेन्द्र नाथ दुबे सुबह 7 बजे प्रतिदिन गोल्फ खेलने कालिदास मार्ग गोल्फ क्लब लखनऊ जाते हैं। जब वह देवेंद्र नाथ दुबे को गोल्फ खिलाने ले जाऊंगा तब तुम किसी के साथ आकर गहने लूट लेना और यदि मैडम को पता चल जाए तो उनको जान से मार देना।
इसी षडयंत्र के चलते उसने यह बात अपने पुराने मित्र रजीत से बतायी जिसने घटना में शामिल होने के लिए एक तिहाई हिस्सा तय कर सहायता करने में हां कर दी। घटना वाले दिन रंजीत उपरोक्त अपनी स्कूटी लेकर आया था जिसे वह चला रहा था। देवेन्द्र नाथ दुबे के घर निकलने से पहले करीब 7 बजे वह और रंजीत आगे वाले चौराहे पर इन्तजार करने लगे जब रवि, दुबे को गोल्फ खिलाने घर से बाहर निकले तो रास्ते में हमें इशारा करते हुए चला गया। इसके बाद हम दोनों देवेंद्र नाथ दुबे के घर पहुंचकर बेल बजाई तो मैडम बाहर आयी। उन्होंने मुझे देखकर विश्वास में आाकर गेट खोल दिया, वह अन्दर चला गया और मैडम को बताया कि मेरे साथ मेरा एक मित्र आया है जो मेरे कामकाज में हाथ बंटा देगा।
इस पर उन्होंने उस मित्र को अन्दर बुलाने के लिए कहा तो वह रंजीत को अन्दर बुलाया, रंजीत ने अन्दर आकर जैसे ही मैडम के पैर छुए उसी समय वह मैडम का पीछे से गला दबा दिया और रंजीत ने मैडम को पकड़ लिया। जैसे ही मैडम नीचे गिरी हम लोगों ने पास में रखे मैडम के दुपट्टे से गला कस दिया। मैडम द्वारा छटपटाने पर साथ लाये पेचकस से मैडम के ऊपर कई वार किये कुछ समय पश्चात मैडम की सांस रूक गयी और हम लोग अलमारी में रखे जेवरात लूट कर वहां से भाग गये।
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