प्रशिक्षक की निगरानी में करें योगाभ्यास-डॉ.संजय
कल क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान में होगा अष्टांग योग
- स्लोगन के साथ निकाली जागरूकता रैली
लखनऊ। योग करते समय हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए, जिससे हमारा शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहें। यह जानकारी गुरूवार को इंदिरानगर स्थित केन्द्रीय आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्स्थान में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान संस्थान प्रभारी डॉ संजय कुमार सिंह एवं एके श्रीवास्तव व अन्य डॉक्टरो ने संयुक्त रूप से दी। उन्होंने कहा कि विशिष्ट परिस्थितियों में जैसे कि गर्भावस्था, उच्च रक्तचाप में योगाभ्यास करते हुए सावधानियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए या किसी योग प्रशिक्षक की निगरानी में ही योगाभ्यास करना चाहिए। डॉ.सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 से हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष योग करने वालो में प्रतिभागिओं की संख्या 23 करोड़ थी। इससे यह साबित होता है कि योग के लाभ को देखते हुए वर्ष-प्रतिवर्ष इस आयोजन मे प्रतिभागिओं की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली मे बढ़ते तनाव को कम करने के लिए मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक समरसता के लिए योग की आवश्यकता है। इसी क्रम लोेगों योगासन के प्रति जागरूक करने के लिए डॉक्टरों ने जागरूकता रैली निकाली।
ज्ञात हो कि कल यानी कि संस्थान में 10 वे अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में प्रात: 7 बजे से संस्थान प्रांगण में डॉक्टरों ,कर्मचारी एवं समाज के अन्य व्यक्तियों के लिए एक विशेष योग प्रशिक्षण सत्र का आयोजन होगा। इस वर्ष योग दिवस की थीम स्वयं और समाज के लिए योग के परिपेक्ष्य मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर योगा द्वारा जारी किया हुआ। साथ ही कॉमन योग प्रोटोकाल का अनुसरण करते हुए अष्टांग योग के अंतर्गत यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि के लाभकारी प्रभाव के बारे में व्याख्यान, आसनों के माध्यम से योग मुद्राओं का प्रदर्शन एवं अभ्यास कराया जाएगा।
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