जेजेएम के ईडी प्रकरण में आरोपी को जमानत नहीं
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन से जुडे करीब 630 करोड रुपए के गबन के मामले में ईडी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किए आरोपी पीयूष जैन को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अवकाशकालीन एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। जमानत याचिका में कहा गया कि श्याम ट्यूबवैल कंपनी उसके पिता की है और उसका इस कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा एसीबी ने भी उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश नहीं किया है। वह लंबे समय से जेल में है। इसलिए उसे जमानत दी जाए। जिसका विरोध करते हुए ईडी की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि ईडी के पास आरोपी की फोन रिकॉर्डिंग मौजूद है। वहीं फर्जीवाडे की करीब 1.87 करोड रुपए की राशि आरोपी के खाते में जमा हुए थे। अदालत उसी स्थिति में जमानत दे सकती है, जब वह इस नतीजे पर पहुंचे की आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला नहीं बन रहा। इसके अलावा यह जरूरी नहीं की एसीबी एक्ट के तहत लिप्तता होने पर ही उसे मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में आरोपी माना जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत में जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि जल जीवन मिशन में फर्जी दस्तावेजों से करोडों रुपए के टेंडर लेने के मामले में एसीबी ने गत वर्ष श्याम ट्यूबवेल और गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। एफआईआर में पीयूष जैन के पिता पदमचंद जैन और मामा को भी आरोपी बनाया गया। प्रकरण में विस्तृत जांच के बाद ईडी ने भी अगस्त, 2023 में मामला दर्ज कर गत 29 फरवरी को पीयूष जैन को गिरफ्तार किया गया।
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