अयोध्या-काशी की राह पर चलीMathura! जल्द शुरू हो सकता है विवादित परिसर का सर्वे
नई दिल्ली: मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी (CT) शाही ईदगाह मस्जिद पर चल रही कानूनी लड़ाई अब इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में जारी है. विवादित परिसर के सर्वे का तौर-तरीका क्या हो और उसके लिए अधिवक्ता आयोग का गठन कैसे किया जाए, इस मुद्दे पर गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क पेश किए, जिसे कोर्ट ने अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया. अब अदालत जल्द ही अपना फैसला सुनाएगी.
इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई, मुस्लिम पक्ष की ओर से दो आधार पर सुनवाई टालने की प्रार्थना की गई. पहला आधार था कि सर्वे के आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई अभी लंबित है और इस पर 16 जनवरी को हियरिंग (Hearing) होने की संभावना है. वहीं दूसरा आधार था कि उनके वकील पुनीत गुप्ता के पिता का हाल ही में देहांत हो गया है और वह इस मामले में सुनवाई टालने का प्रार्थना पत्र पहले ही दे चुके हैं. लिहाजा इस मामले में फिलहाल सुनवाई नहीं की जानी चाहिए.
वहीं हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि सर्वे टीम के गठन के आदेश से किसी पक्ष को कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है. ऐसे में अदालत हाई कोर्ट (court high court) के किसी सेवानिवृत्त जस्टिस की अध्यक्षता में सर्वे टीम गठित करने का आदेश पारित कर सकती है. अदालत ने संबद्ध पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस संबंध में आदेश बाद में पारित हो सकता है और इसे पोर्टल पर उपलब्ध कराया जा सकता है.
इससे पहले 14 दिसंबर 2023 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति पर सहमति दी थी. याचिका दायर करने वाले हिंदू पक्ष का दावा है कि उस मस्जिद में हिंदू प्रतीक चिन्ह हैं, जिससे पता चलता है कि वह कभी हिंदू मंदिर था. जस्टिस मयंक कुमार जैन ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और सात अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद एडवोकेट कमिश्नर (Advocate Commissioner) के गठन की अर्जी मंजूर की थी.
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