बालू माफियाओं ने पटना में बना दिया मौत का रोड और खनन निरीक्षक ने बना दिया रेगिस्तान
बिक्रम में बिहार का सबसे बड़ा बालू मंडी , लीगल तो है ही इलीगल स्काटॉ का कोई आकलन नहीं
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रानीतलाब के बुद्धू छपरा , शारदा छपरा , लहलादपुर, बेरर टोला , धाना निसरपुरा, बिक्रम के बाघाकोल व पालीगंज के जलपुरा में पुरी रात हो रहा करोड़ों का अवैध बालू खनन

अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर के आवेदन पर डीएसपी ने बिक्रम और रानीतलाब थाना प्रभारी को दिया कार्रवाई का निर्देश
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । खाता न बही जो बालू माफिया कहेंगे वह सही , कुछ ऐसा ही हाल है खनन विभाग का । सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खनन नीति 2019 पारित हो गई । सरकार सुप्रीम कोर्ट में शपथ दायर कर घोषणा कर दी की अवैध बालू का खनन व अवैध बालू कारोबार नहीं होने देंगे. लेकिन यह पुरी तरह से सफेद झूठ है । सूबे में अवैध बालू खनन व अवैध बालू कारोबार पुलिस- प्रशासन के देखरेख में पहले से अधिक फल- फूल रहा है और सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार का उपज काट रहा है । नतीजा बालू माफियाओं ने कानून को ताखा पर रखकर पटना में मौत का रोड बना दिया है और खनन निरीक्षक ने उपजाऊ भूमि को रेगिस्तान बना दिया है ।वह भी चार किलोमीटर तक बालू ही बालू या कहें तों बालू का विशाल पहाड़ देखने को मिल जाएगा । परंतु अधिकारियों को देखने के लिए भगवान ने आंख दिया ही नहीं है , भ्रष्टाचार ने अंधा बना दिया है ।
राजधानी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क एन एच 139 , पटना के बिक्रम अंतर्गत अंधराचौकी से नगहर तक सैकड़ों बालू का स्टॉक ( भंडारण ) है । इसके लिए खनन विभाग ने लाईसेंस K दिया है । एन एच 139 , अंधराचौकी से नगहर तक दोनों तरफ बालू का पहाड़ बना हुआ है । स्टॉक लाइसेंस देने के पूर्व तत्कालीन खनन निरीक्षक प्रीतम कुमार ने भौतिक सत्यापन किया था । नियम शर्तों के मुताबिक़ जिला खनन कार्यालय ने बालू स्टॉक करने का लाइसेंस निर्गत किया है जो पांच साल के लिए वैध है । एन एच 139 , अंधराचौकी सें नगहर तक सैकड़ों लाइसेंस दिया गया है । लाइसेंस देने के पूर्व यह नहीं देखा गया की उक्त स्थल पर जहां स्टॉक करने का लाइसेंस दिया गया है अग़ल बगल में वर्षों से कई होटल, कई स्थाई घर , समाजिक स्थल है । परंतु लाइसेंस देने के पूर्व अनदेखा किया गया । आलम यह है की बालू स्टॉक लाइसेंसधारियों ने बालू स्टॉक करने के क्रम में एन एच 139 ( नेशनल हाईवे- 139. ) के दोनों तरह सटाकर बालू का भंडारण किया गया है । जिसके कारण सड़क पर मोटी परत बालू जमा है । जैसे ही कोई गाड़ी जमे मोटी परत बालू पर जाती है दुर्घटना का शिकार हो जाती है , कई लोग जान गवां चुके है । आक्रोशित जनता सड़क जाम कर शांत हो जाती है और नियति का दोष मान लेती है लेकिन हकीकत यह की यात्रियों के हत्या का दोषी खनन विभाग, पथ निर्माण विभाग, पुलिस- प्रशासन है । सिस्टम और बालू माफिया ने मिलकर एन एच 139 को मौत का सड़क बना दिया है । अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने इस संबंध में कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव से लेकर ज़िलाधिकारी, एसएसपी, डीएसपी तक को आवेदन दिया है । डीएसपी उमेश्वर चौधरी ने बिक्रम व रानीतलाब थानाध्यक्ष को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है ।
नेशनल हाइवे 139 बिक्रम के अंधराचौकी से नगहर तक बालू स्टॉक के कारण कृषि योग्य उपजाऊ भूमि अब बंजर बन गया है , या कहें तो रेगिस्तान बन गया है । कभी जहाँ फसल लहलहाते थे वहाँ बालू उड़ रहा है । खेती तो बर्बाद हो गयी है यात्रियों के साथ आसपास के रहनेवाले एवं किसान- मज़दूरों को आंखें चौपट हो रहा है । हाल का स्थिति यह है की बिक्रम में बिहार का सबसे बड़ी बालू मंडी बन गई है । इसमें लीगल और इलीगल दोनों है । जो लीगल है उसपर तय मात्रा से अत्यधिक बालू रखा हुआ है इलीगल कितना है यह निरीक्षण के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा ।
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