कर्नल कुरैशी मामले में शाह को 'सुप्रीम' फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आपको शर्म आनी चाहिए
- जांच के लिए एसआईटी गठित
- 'पहली रिपोर्ट 28 मई तक दाखिल की जानी चाहिए'
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए बयान पर फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम इस मामले में मंत्री की माफी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कोर्ट ने आगे कहा, "आप एक सार्वजनिक चेहरा हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलने से पहले अपने शब्दों को तोलना चाहिए। हमें आपके वीडियो यहां चलाने चाहिए। यह सेना के लिए एक अहम मुद्दा है। हमें इस मामले में बेहद जिम्मेदार होना होगा।
"सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक एसआईटी भी गठित की है। इसमें तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को रखा गया है। इनमें एक महिला अधिकारी भी होंगी। यह तीनों ही अफसर मध्य प्रदेश के बाहर के होंगे और कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ दिए गए मंत्री के बयान को लेकर जांच करेंगे।जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'इस टिप्पणी के कारण पूरा देश शर्मसार है। हमने आपके वीडियो देखे। आप बहुत गंदी भाषा का इस्तेमाल करने वाले थे, लेकिन शायद आपकी समझ काम आई या आपके दिमाग ने आपको रोका या फिर हो सकता है कि आपको उचित शब्द न मिले हों। आपको शर्म आनी चाहिए।
पूरे देश को हमारी सेना पर गर्व है और आपने यह बयान दिया।' पीठ ने मंत्री से पूछा, 'यह किस तरह की माफी थी? आपको बस अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए थी और माफी मांगनी चाहिए थी, लेकिन आप कहते हैं कि अगर आपने यह और वह कहा है... तो मैं माफी मांगता हूं। माफी मांगने का यह तरीका नहीं है। आपने जिस तरह की भद्दी टिप्पणी की है, आपको शर्म आनी चाहिए।'शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को मंगलवार सुबह 10 बजे तक आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने को कहा है। इस दल में एक महिला अधिकारी भी शामिल होगी। यह दल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद दर्ज एफआईआर की जांच करेगा।
पीठ ने कहा कि एसआईटी की ओर से पहली रिपोर्ट 28 मई तक दाखिल की जानी चाहिए।कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए बयान ने तूल पकड़ा तो मंत्री विजय शाह ने सार्वजनिक रूप से दो बार माफी मांगी। मंत्री ने कहा- उनके दिए बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो वे दिल से क्षमाप्रार्थी हैं। सोफिया कुरैशी ने देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है और उनका योगदान जाति, धर्म या समुदाय से परे है। वह उन्हें एक सगी बहन से भी अधिक सम्मान देते हैं। शाह ने कहा कि मेरे वक्तव्य का उद्देश्य सोफिया के योगदान को समाज के सामने सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करना था, लेकिन व्याकुल मन की स्थिति में कुछ शब्द गलत निकल गए, जिससे वह व्यथित और शर्मिंदा हैं। मंत्री के दो बार माफी मांगने के बाद भी यह मामला शांत नहीं हुआ है।
मंत्री शाह द्वारा दिए गए विवादित बयान का विरोध तेज हुआ और उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की जाने लगी। मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला ने स्वतः संज्ञान लिया। सुनवाई के दौरान मंत्री शाह को जमकर फटकार लगाई गई। कोर्ट की ओर से तल्ख टिप्पणी करते हुए उनके बयान को कैंसर जैसा घातक बताया था।
हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री शाह ने गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया है, जो अस्वीकार्य है। कोर्ट ने डीजीपी को मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद बुधवार देर रात महू पुलिस ने विजय शाह के खिलाफ केस दर्ज किया गया। अलगे दिन की सुनवाई में एफआईआर की कॉपी पेश की गई, जिसे लेकर कोर्ट ने सवाल उठा दिए। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि एफआईआर की भाषा मंत्री के हित में लिखी हैं, यानी उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कोर्ट ने एफआईआर में सुधार करने के निर्देश दिए, साथ ही यह भी आदेश दिया कि मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में होगी।
टिप्पणियां