पश्चिम, पूर्वी और मध्य भारत में तेज हवा और बारिश की चेतावनी
By Tarunmitra
On
नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में तपिश बरकरार है। वहीं, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में आंधी-तूफान और बिजली के साथ बारिश का क्रम भी जारी है। इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस बार समय से पहले दस्तक दे दी है। इसकी गति और दिशा के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून 27 मई तक केरल पहुंच सकता है। मानसून के दस्तक के परिणामस्वरूप ही पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीप समूह और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है।
राजधानी दिल्ली में आज छाए रहेंगे आशिंक बादल
वहीं, मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि राजधानी दिल्ली में बुधवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। इस दौरान लगातार सतही हवाएं 15-25 किमी प्रति घंटा की गति से चलेगी, जो कभी-कभी 35 किमी प्रति घंटा तक बढ़ सकती हैं। वहीं, 14-15 मई दो दिन पारा 40 के पार रहने के बाद 16 मई को बारिश होने की संभावना है। ऐसे में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। इस दौरान बहुत हल्की बारिश के साथ तेज हवाएं 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से चलने की संभावना है, जो गरज के साथ अस्थायी रूप से 50 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।
कब और कहां होगा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर
आईएमडी के मुताबिक, पंजाब के ऊपर निचले क्षोभमंडल में चक्रवाती परिसंचरण के रूप में एक पश्चिम विक्षोभ सक्रिय है। उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान के ऊपर दो अलग-अलग चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनी हुई है। बिहार, झारखंड और असम में भी मौसम संबंधी कुछ ऐसी प्रणालियां बनी हुई हैं। इनके प्रभाव से 14 मई को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तो 16-17 मई को हिमाचल प्रदेश में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इतना ही नहीं इन राज्यों में गरज व बिजली के साथ छिटपुट से मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है।
पश्चिम, पूर्वी और मध्य भारत में ऐसा रहेगा मौसम का हाल
कोंकण और गोवा में 14 मई को, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 14-16 मई के दौरान 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जिनकी गति बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसके अलावा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में मंगलवार को 50-60 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, 14-15 मई के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, 16 मई को झारखंड, 15-16 मई तक झारखंड, बिहार और 14 मई, 16 मई तक मध्य प्रदेश को ओडिशा में 50 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चल सकती हैं और भारी बारिश भी हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत में बहुत भारी बारिश होने की संभावना
अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में 16 मई तक, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 15 मई तक गरज, बिजली और तेज हवाएं के साथ व्यापक रूप से भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
इन क्षेत्रों में लू से हलकान रहेंगे लोग
14-18 मई के दौरान पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, 14 व 15 मई को उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और 15 मई के गंगा के तटीय इलाओं, 14-15 मई के दौरान झारखंड में भीषण गर्मी पड़ने और लू चलने की संभावना है। 16 मई तक बिहार में गर्म और आर्द्र मौसम बना रहेगा
दक्षिण-पश्चिम मानसून की गतिविधियां समय से पहले शुरू
देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की गतिविधियां समय से पहले शुरू हो गई हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी गति और दिशा के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून 27 मई तक केरल पहुंच सकता है, जबकि सामान्यत: इसकी शुरुआत 1 जून को होती है। पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीप समूह और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से और अंडमान सागर में तेज पश्चिमी हवाओं का दबदबा है, जो समुद्र तल से 1.5 से लेकर 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक सक्रिय हैं। हवाओं की गति 20 मील प्रति घंटे से अधिक मापी गई है। इसके साथ ही क्षेत्र में आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) में कमी देखी गई है जो मानसून की सक्रियता का एक अहम संकेतक है।
आगे क्या है अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 3-4 दिनों में दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, और बंगाल की खाड़ी के अन्य हिस्सों में भी मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल स्थितियां बन रही हैं। विशेषकर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में अगले 24 घंटों के भीतर अत्यंत भारी वर्षा की संभावना है। कुछ क्षेत्रों में 204 मिमी या इससे अधिक बारिश हो सकती है।
केरल में जल्द बारिश होना सकारात्मक संकेत
केरल में मानसून के जल्दी पहुंचने के संकेत देश के लिए कई मायनों में शुभ हैं। अगर मानसून समय से पहले या सामान्य तिथि पर देश के अन्य हिस्सों में भी पहुंचता है तो इससे कृषि चक्र को गति मिलेगी और खेती के लिए जरूरी नमी समय रहते मिल सकेगी। इससे बुवाई का समय भी नहीं बिगड़ेगा और उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद बढ़ जाएगी।
About The Author

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
Related Posts
अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें
Latest News
14 May 2025 09:36:18
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने विकास भवन सभागार में पेयजल के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ समीक्षा की। डीएम...
टिप्पणियां