बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के आवंटन कम, महंगाई, बेरोजगारी से लोग परेशान: विपक्ष

ट्रंप के टैरिफ लगाने का होगा नकारात्मक असर

बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के आवंटन कम, महंगाई, बेरोजगारी से लोग परेशान: विपक्ष

  • बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के आवंटन को कम कर दिया गया
  • देश में वेतन के ठहराव की स्थिति बन गयी
  • पिछले दशक में आम लोगों की आय में वास्तव में कोई वृद्धि नहीं हुई: सागरिका

नयी दिल्ली। आम बजट की कड़ी आलोचना करते हुये गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि इसमें बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से निपटने के लिए कोई उपाय नहीं किये गये हैं और राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है तथा अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाये जाने को देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कांग्रेस सदस्य एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने विनियोग (संख्यांक तीन) विधेयक 2025 और वित्त विधेयक 2025 पर सदन में चर्चा की शुरूआत करते हुये कहा कि बजट करीब आठ सप्ताह पहले पेश किया गया लेकिन इसपर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा  मैं जहां भी जाता हूं, जहां भी बोलता हूं, कोई भी बजट को याद नहीं रखता, कोई भी इस पर चर्चा नहीं करता।

उन्होंने मोदी सरकार की राजकोषीय नीति को सराहनायोग्य बताते हुये कहा कि केंद्र सरकार के ऋण को सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में कम करने का इरादा अच्छा है लेकिन जब मई 2014 में इस सरकार ने सत्ता संभाली थी, तो राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत था जो 2018-19 में कम होकर 3.4 प्रतिशत पर आ गया लेकिन वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर फिर से 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गया जिससे साफ पता चला है कि सरकार अर्थव्यवस्था का सफलतापूर्वक प्रबंधन नहीं कर पा रही है। हर सरकार को संकट का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर दवाब बना था और यह पूरी दुनिया के साथ हुआ था। अब उसके बाद जब वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था बढ़ रही है तो घरेलू स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आ गयी है।

उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी से जहां आम लोग और युवा परेशान है वहीं बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के आवंटन को कम कर दिया गया है। देश में वेतन के ठहराव की स्थिति बन गयी है जिससे नौकरीपेशा लोग भी महंगाई से परेशान हो गये हैं। उन्होंने कहा कि संरक्षणवाद से अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है। यह विश्व व्यापार के लिए सही नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रम्प द्वारा दो अप्रैल 2025 से भारतीय उत्पादों पर कर बढ़ाये जाने की घोषणा का उल्लेख करते हुये कहा कि बजट में अमेरिका के कई उत्पादों को ध्यान में रखकर टैरिफ कम किये जाने के बावजूद श्री ट्रम्प मानने को तैयार नहीं है।अब सरकार ने गूगल कर को कल हटाने की घोषणा की है तथा कुछ और उत्पादों पर शुल्क को कम करने की तैयारी कर रही है। इससे देश को आर्थिक नुकसान होगा जबकि अमेरिका में शुल्क बढ़ाये जाने से आयात भी प्रभावित होगा।

उन्होंने कहा कि श्री ट्रम्प द्वारा शुल्क बढ़ाये जाने का कनाडा ने पुरजोर विरोध किया है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब तक एक शब्द नहीं बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार को श्री ट्रम्प की घोषणाओं से निपटने के उपायों से विपक्ष को भी अवगत कराना चाहिए क्योंकि टैरिफ युद्ध से व्यापार युद्ध शुरू हो जायेगा।

भारतीय जनता पार्टी के आर पी एन सिंह ने कहा कि बजट का मतलब आम लोगों की जेब पैसा देना होता है जिससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ सके। सरकार का काम सिर्फ अपना खजाना भरना नहीं होता है। पांच साल तक विपक्ष सिर्फ एक ही चीज कहती रही है कि मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है लेकिन अब जब सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए काम किया है तो कह रहा है कि यह कुछ नहीं है। बारह लाख 75 हजार रुपये की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। मोदी सरकार के कार्यकाल में आने वाले दिनों में ऐसे ही निर्णय आते रहेंगे।

भाजपा सदस्य ने कहा कि 10 वर्ष में संप्रग के कार्यकाल में तीन करोड़ नौकरियां मिली थी, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में अब तक 18 करोड़ नौकरियां मिली है। संप्रग में 452 स्टार्ट अप थे, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में एक लाख से अधिक स्टार्टअप है और 17 लाख लोगों को इसमें रोजगार मिला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसानों के सबसे बड़े हितैषी बताते हुये कहा कि 3.46 लाख करोड़ रुपये 11 करोड़ किसानों को दिये गये हैं। छोटे और सीमांत किसानों को दिया गया है। श्री मोदी एक बटन दबाकर सीधे किसानों के खाते में धनारशि देते हैं। बजट में हमेशा किसानों की बात की गयी है।

उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का उल्लेख करते हुये कहा कि पहले देश में कई तरह के अप्रत्यक्ष कर भरने पड़ते थे और अभिभार लगाता था। आज जीएसटी एक स्वच्छ कर बनकर उभरा है और सभी राज्यों को अपनी हिस्सेदारी मिल रही है। कोविड के बाद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है और विकसित भारत में विपक्ष को भी साथ मिलकर चलना चाहिए।तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष ने बजट की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि पिछले दशक में आम लोगों की आय में वास्तव में कोई वृद्धि नहीं हुयी है। महंगाई चरम पर है। सब्जियों में कीमतों में तेजी का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि भारतीय कामगारों को दुनिया में सबसे कम मजदूरी मिलती है। अच्छे दिन कहां है। सरकार बेटी बढ़ाओ बेटी पढाओ की बात करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि महिलाओं के लिए बजट को कमी की गयी है।

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