बलिया : मुस्लिम कारीगरों के बनाए गर्भगृह में 22 जनवरी को विराजेंगे प्रभु श्रीराम
बलिया । अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राममंदिर में लग रहे पत्थर राजस्थान के मकराना के जिन मुस्लिम कारीगरों ने तराशे हैं, उन्ही कारीगरों ने बलिया में भृगु मंदिर के सामने श्रीराम मंदिर को भी संवारा है। यहां बुधवार से अनुष्ठान शुरू हो गया है। 22 जनवरी को भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा विधिपूर्वक होगी।
बलिया के इतिहास पर शोध कर चुके डॉ. शिवकुमार कौशिकेय के अनुसार पौराणिक काल से ही भृगु क्षेत्र की मान्यता रही है। वर्तमान बलिया शहर तीसरी बार बसाया गया है। इसके पहले दो बार यानी 1884 और 1905 में यह शहर विस्थापित हो चुका है। जिसके कारण वर्तमान में संवर रहे भृगु मंदिर के सामने स्थित श्रीराम मंदिर में मूर्तियां बचाकर लायी गईं।
मंदिर की व्यवस्था देख रहे रजनीकांत सिंह के मुताबिक करीब चार सौ वर्ष पुराने श्री राम, लक्ष्मण और सीता समेत अन्य देवताओं के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इसके पहले भृगु मंदिर के ठीक सामने इस मंदिर को भव्य रूप दिया जा रहा है। राजस्थान से आए साजिद, सादात व समीर सहित अन्य कारीगर मंदिर के गर्भगृह को सफेद पत्थरों से सजा रहे हैं। राजस्थान के मकराना की फैक्ट्री में यही लोग उन पत्थरों को तराशे हैं, जो अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर में लगाये गए हैं।
उन्होंने कहा कि मंदिर को सजाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। पूर्व में जीर्ण-शीर्ण हो चुके इस मंदिर को अब सात सौ स्क्वायर फुट में बनाया गया है। बुधवार को पंचांग पूजन के साथ अनुष्ठान शुरू होंगे। 22 को प्राण प्रतिष्ठा होगी। जिस अवसर पर विशाल भंडारा होगा। रजनीकांत की मानें तो यहां पुनः प्रतिष्ठित होने जा रहे विग्रह जागृत हैं। पूर्व में कई चमत्कार देखे जा चुके हैं।
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