फ्रांस एक नम्बर पर, 6 मिलियन से अधिक भारतीय छात्र कर रहे पढ़ाई
By Tarunmitra
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नई दिल्ली। इंटरनेशनली बेस्ट लेवल की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स बाहर जा रहे हैं। आपको बता दें कि साल 2023 में यूरोप में 6 मिलियन से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो 2015 में सिर्फ 4.8 मिलियन था। यह बढ़ोतरी इसलिए है क्योंकि दुनिया भर से शिक्षा के ज्यादा से ज्यादा मौके फ्रांस में मिल रहा है और स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप भी प्रोवाइड कर रहे हैं। यूरोप के देशों में, स्टूडेंट्स के लिए फ्रांस अब एक बहुत ही पॉपुलर डेस्टिनेशन बन गया है, खासकर भारतीय स्टूडेंट्स के लिए।
2023-24 के ऐकडेमिक ईयर में, भारत से कुल 7,344 छात्रों ने फ्रांस के कॉलेजों में एडमिशन लिया। ऐसा भी उम्मीद जताई जा रही है कि 2030 तक यह संख्या तक 200 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। यह बढ़ती संख्या भारत और फ्रांस सरकार की साझेदारी की वजह से है, जिनका लक्ष्य है कि 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों को फ्रांस में एडमिशन दिलाने का है। फ्रांस में HEC पेरिस, सोरबोन विश्वविद्यालय और Ecole Polytechnique जैसी बड़ी और पॉपुलर यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जो आर्ट्स, बिजनेस, टेक्नोलॉजी और साइंस में बेहतरीन कोर्सेज ऑफर करती हैं। कॉलेज में इंग्लिश में भी कोर्स प्रोवाइड किया जाता है, जिससे दुनिया भर के छात्र आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं।
अकादमिक स्टैंडर्ड के अलावा, फ्रांस में पढ़ाई काफी सस्ता भी है। यहां के पब्लिक यूनिवर्सिटी का ट्यूशन फीस बहुत कम होता है, और स्टूडेंट्स को यहां पर स्कॉलरशिप जैसे Charpak और Eiffel Excellence भी मिलती हैं, जो विदेशी छात्रों की पढ़ाई में मदद करती हैं। वहीं यहां पर रहना और खाना पीना भी काफी आसान है। रहने की कीमत भी शहर के हिसाब से बदलती है। पेरिस में रहने का खर्च औसतन 1,723 यूरो/माह है, जबकि लियोन में यह घटकर 1,130 यूरो के आसपास हो जाता है। वहीं दूसरे शहरों में रहने का खर्च लगभग 1,105 यूरो के आसपास आता है।
फ्रांस में रह कर पढ़ाई करने का एक बेहतरीन फायदा और भी है कि यहां पर दो साल का पोस्ट-स्टडी वीजा भी मिलता है। यह वीजा गैर-EU छात्रों को स्नातक की पढ़ाई पूरा होने के बाद भी वहां काम करने का मौका देता है। खासतौर पर बिजनेस, टेक्नोलॉजी और फैशन जैसे फील्ड्स में एक अच्छा मौका देता है। ऐसे में अगर आप विदेश में पढ़ाई करने का सोच रहे हैं, तो फ्रांस आपके लिए एक शानदार ऑप्शन हो सकता है। यहां सिर्फ अच्छा शिक्षा नहीं, बल्कि करियर के लिए भी कई सारे मौके मिल सकते हैं।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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