केन्द्रीय हिन्दू विश्वविद्यालय की उठी मांग

केन्द्रीय हिन्दू विश्वविद्यालय की उठी मांग

बांदा। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में मंगलवार को  विचार संगोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी व मुख्य अतिथि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉ हरीराम मिश्रा रहे। विचार गोष्ठी में चिंता जताई गयी गई कि कला, संस्कृति और विरासत से परिपूर्ण यह क्षेत्र शैक्षणिक क्षेत्र में इतना पिछड़ कैसे गया। वेद व्यास, बाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास की धरती पर छात्र-छात्राएं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित क्यों हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र प्रदेश का 12.5 प्रतिशत भू-भाग की 5.5 प्रतिशत आबादी है और तिहलहन, दलहन उत्पादन में प्रदेश में अव्वल है, फिर भी क्षेत्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा  में उपेक्षित है। इसी कारण यह क्षेत्र विकास की धारा में पीछे छूट गया है।

गोष्ठी में प्रोफेसर हरेराम मिश्र ने यहाँ केंद्रीय हिन्दू विश्वविद्यालय की मांग की जिससे यहाँ विरासत के साथ सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक विकास हो सके। बाँदा के विभिन्न  महाविद्यालय के  शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और समाजसेवियों ने इस मांग को मुहिम छेड़कर पूरा करने की शपथ ली। आयुक्त ने इस मांग को क्षेत्र के विकास के लिए मिल का पत्थर बताते हुए पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया। गोष्ठी का आयोजन बुंदेलखंड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ अशोक सिंह परिहार और महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ दिपाली गुप्त ने किया। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय, पंडित जवाहरलाल नेहरू कालेज, कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षक, समाज सेवी व पत्रकार उपस्थित मौजूद रहे। संचालन डॉ सबीहा रहमानी ने किया।

Tags: Banda

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां

Latest News

बस्ती मे ड्रीम 11 से राकेश राना बने करोड़ पति बस्ती मे ड्रीम 11 से राकेश राना बने करोड़ पति
बस्ती - जिले में कप्तानगंज थाना क्षेत्र के परसपुरा गांव निवासी राकेश राना ने ड्रीम 11 से एक करोड़ रूपये...
एकजुट के दो दिवसीय प्रान्तीय अधिवेशन की तैयारियां पूरी,कल से होगा हजारों शिक्षकों का जमावड़ा
लोहे के वॉल को चुराने वाले 4 नफर चोर गिरफ्तार,सामान बरामद
एनसीसी कैंप में 500 से ज्यादा कैडेट्स को सिखाये योग के गुर
जरूरतमंदों के लिये वरदान हैं निःशुल्क चिकित्सा शिविर - डा. वी.के. वर्मा
उपेक्षा का शिकार है पुलिस कल्याण बाल उद्यानः अब नहीं गूंजती पुलिस कर्मियों के बच्चों की किलकारियां
खेल जीवन का महत्वपूर्ण अंग - धीरेन्द्र त्रिपाठी