आनन्द मार्ग के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय योग साधना शिविर का समापन
आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय सेमिनार सह योग साधना शिविर का रविवार को समापन हो गया। चन्द्र कला गार्डेन में आयोजित शिविर के तीसरे एवं अंतिम दिन आनन्द मार्ग के प्रवर्तक महासम्भूति श्री श्री आनन्द मूर्ति ने मंत्र चैतन्य विषय पर बोलते हुए कहा कि कोई मंत्र जव भाव में सिद्ध हो जाता है तो उसे मंत्र चैतन्य कहते हैं। आनन्द मार्ग के प्रवर्तक महासम्भूति श्री श्री आनन्द मूर्ति जी ने इष्ट मंत्र, गुरु मंत्र, कीर्तन मंत्र,बीज मंत्र आदि दिया है।हर शब्द मंत्र नहीं होता।जिस शब्द के मनन से मन का कल्याण हो जाय उसे ही मंत्र कहते हैं।
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, भगवान सदाशिव का दिया हुआ ताण्डव नृत्य,कौशकी नृत्य का प्रदर्शन किया गया। योगासन का अभ्यास एवं उसपर क्लास भी हुआ। जटिल रोगों के होम्योपैथी डाक्टर अभय शंकर ववलू जी के द्वारा मुफ्त चिकित्सा शिविर का आयोजन हुआ। संगठन को गांव गांव तक विस्तार के लिए कई कार्यक्रम लिए गए।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से आचार्य सत्याश्रयानन्द अवधूत, आचार्य धीरजा नन्द अवधूत, आचार्य पून्येशानन्द अवधूत, आदि उपस्थित थे।
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