मोक्षदा एकादशी का व्रत आज
ग्रहस्त आज एवं वैष्णव कल करें एकादशी व्रत : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी
अलीगढ। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि मोक्षदा एकादशी नाम से जानी जाती है। इस एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पूर्वजों को भी मोक्ष प्राप्ति होती है।इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था इसलिए गीता जयंती भी इसी दिन मनायी जाती है। इस बार दो दिन मोक्षदा एकादशी व्रत आज से प्रारंभ होकर 24 दिसंबर को समाप्त होगा।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार आज प्रातः 08:16 बजे से एकादशी तिथि प्रारंभ होकर कल प्रातः 07:11 बजे तक रहेगी।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति का कल्याण तो निश्चित है साथ ही अपने किसी सगे सम्बन्धी मित्र आदि को भी इस उपवास का फल अर्पण करने से उसके भी पापों व क्लेशों का नाश हो जाता है।
भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा को समर्पित इस व्रत को करने से पूर्व प्रातः स्नान से निवृत होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें,इसके बाद विधि विधान से भगवान विष्णु की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करवाकर गीता का पाठ करना चाहिए। साथ ही किसी गरीब या जरूरतमंद की सहायता करने से व्यक्ति के जन्म जन्मातर के कष्ट दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति साल में एकादशी व्रत नहीं कर पाते वह लोग मोक्ष प्राप्ति हेतु इस दिन अन्न का त्याग कर सात्विक व्रत अवश्य करें क्योंकि इस दिन अन्न का त्याग करना अत्यंत आवश्यक होता है।
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