
छठ पर्व पर चारबाग स्टेशन से बनकर कोई ट्रेन नहीं...!
लखनऊ मंडल से आठ जोड़ी पर्व स्पेशल ट्रेनें निकलकर गुजर रहीं
-मंडल स्टेशनों से बिहार-पूर्वांचल को 39 जोड़ी ट्रेनें चल रहीं: डीआरएम
लखनऊ। छठ पर्व पर यात्री सुविधा के मद्देनजर वैसे तो उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल द्वारा आठ जोड़ी पर्व स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया है, मगर इसमें से एक भी स्पेशल ट्रेन लखनऊ चारबाग स्टेशन से सीधे संचालित नहीं हो रही। ऐसे में इस बार भी छठ पर्व पर यात्रियों की बहुतायत संख्या और उपलब्ध ट्रेनों की संख्या के बीच बहुत बड़ा फासला रहा। वहीं इस मुद्दे शुक्रवार को एनआर लखनऊ मंडल डीआरएम डॉ. मनीष थपल्याल ने बताया कि छठ पर्व पर भीड़ को ध्यान में रखते हुए लखनऊ मंडल के स्टेशनों से होकर बिहार और पूर्वांचल की ओर 39 जोड़ी गाड़ियों का नियमित रूप से आवागमन हो रहा है। बताया कि मंडल द्वारा आठ विशेष रेलगाड़ियों का संचालन भी किया जा रहा। डीआरएम ने कहा कि यात्रा के दौरान ज्वलनशील और विस्फोटक सामग्री ले जाने वाले यात्रियों की सघन जांच की जा रही। ट्रेनों को रास्ते में गहनता के साथ चेक करने के आदेश दिये गये हैं। डिस्प्ले बोर्ड द्वारा पूजा स्पेशल ट्रेनों की जानकारी दी जा रही। ट्रेनों के पैंट्री कार को भी गहनता से चेक किया जा रहा। वहीं जब डीआरएम से यह पूछा गया कि क्या रेलवे की ‘मेरी सहेली’ योजना के तहत चारबाग सहित मंडल के अन्य प्रमुख स्टेशनों पर महिला यात्रियों को उनके कोच तक पहुंचने के लिये विशेष सुविधा दी जा रही तो उनका यही कहना रहा कि आरपीएफ की मदद से यह काम भी किया जा रहा।
सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बातया कि लखनऊ स्टेशन पर स्टेशन निदेशक आशीष सिंह, डीसीएम सिद्धार्थ वर्मा, स्टेशन निदेशक वाराणसी जं.(कैंट) गौरव दीक्षित द्वारा समस्त व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा रही। जबकि देर शाम शुक्रवार को यह भी जानकारी मिली कि स्थानीय रेल प्रशासन की तमाम सुविधाओं के बावजूद वाराणसी-लखनऊ शटल सेवा ट्रेन के सभी कोच में क्षमता से कहीं अधिक भीड़ रही जिससे तमाम यात्रियों को परेशानी हुई। वहीं इस मुद्दे पर जब शहर के कुछ नागरिकजनों से बात की गई तो उनका यही कहना रहा कि भाई जी, प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक ऐसा मध्य स्थल है जो नई दिल्ली और पूर्वांचल, बिहार-बंगाल को जोड़ता है और शहर में बड़े पैमाने पर इस राज्यों व क्षेत्रों के लोग निवास करते हैं जोकि छठ पर्व पर अपने-अपने गंतव्य को जाते हैं। ऐसे में कम से कम राजधानी के सबसे बडेÞ चारबाग स्टेशन से तो एकाध सीधी पर्व स्पेशल ट्रेन या फिर कोई जनसाधारण ट्रेन तो चलानी ही चाहिये थी ताकि आम रेल मुसाफिरों की यात्रा सुगम बन सके।
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