मेंथा की पैदावार बढाने के लिए किसानों को दिया प्रशिक्षण

मेंथा की पैदावार बढाने के लिए किसानों को दिया प्रशिक्षण

लखनऊ। मेंथा की पैदावार बढाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया गया । मंगलवार को बीकेटी तहसील अंतर्गत भगतपुरवा गांव में स्पाइसेज बोर्ड इंडिया प्रादेशिक कार्यालय बाराबंकी कृषि विभाग, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी , इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के सहयोग से एक दिवसीय मेंथा की गुणवत्ता सुधार प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया।

जिसमें डॉ. अंबरीश सिंह यादव कृषि विभाग ने टिकाऊ उत्पादन के लिए जैविक खेती के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उर्वरकों के अविवेकपूर्ण उपयोग और दोषपूर्ण कृषि पद्धतियों के कारण मिट्टी में कार्बनिक कार्बन की मात्रा कम हो जाती है और अंतत: मिट्टी का स्वास्थ्य खराब हो जाता है। उन्होंने किसानों से मिट्टी में कार्बनिक कार्बन सामग्री को समृद्ध करने के लिए खेत के कचरे, खाद, हरी खाद, वर्मीकम्पोस्ट आदि का उपयोग करने का आग्रह किया।

उन्होंने विभिन्न जैविक खाद तैयार करने की वैज्ञानिक प्रक्रिया और कीट प्रबंधन के लिए आईपीएम प्रौद्योगिकियों के उपयोग का विस्तार से चर्चा की। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि पुदीना एक अत्यधिक व्यावसायिक उन्मुख फसल है और इसे ज्यादातर नकदी फसल के रूप में बेचा जाता है। जिसका उपयोग अक्सर जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है। यह सबसे महत्वपूर्ण आवश्यक तेल पौधों में से एक है।

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