राजधानी में बिजली कर्मियों व उनके परिवार का फूटा गुस्सा
29 मार्च को वाराणसी में बिजली महापंचायत
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बिजली के निजीकरण के विरोध में गुरूवार को आजमगढ़ और वाराणसी में जन जागरण सभा की। समिति ने ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति में भारी भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद निजीकरण की सारी प्रक्रिया तत्काल निरस्त करने की मांग की है। बिजली के निजीकरण के विरोध के 120 वें दिन आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने विरोध सभा की।
राजधानी लखनऊ की इंद्रलोक हाइडल कॉलोनी और प्राग नारायण मार्ग पर स्थित हाइडिल कॉलोनी में बिजली कर्मियों के घरों में अवैधानिक ढंग से मीटर लगाकर रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने के विरोध में बिजली कर्मियों के साथ-साथ उनके परिवार जनों का गुस्सा फूट पड़ा। दोनों कालोनियों में सैकड़ो की तादाद में महिलाएं और बच्चे अपने घरों से बाहर आ गए और आक्रोशित होकर प्रदर्शन करने लगे। पूरे दिन राजधानी लखनऊ में बिजली कर्मी और उनके परिवार गुस्से में विरोध प्रदर्शन करते रहे।
समिति ने कहा कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट के चयन के लिए निविदा डालने वाली एक कंपनी ग्रांट थॉर्टन के एक कागज का कल खुलासा हुआ था जिसमें कंपनी ने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के एक विद्युत वितरण निगम में मीटर लगाने का काम कर रही है लेकिन उसके नाम का एग्रीमेंट के तहत खुलासा नहीं किया जा सकता। अब यह पता चला है कि यह कंपनी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में काम कर रही पोलारिस नाम की एक कंपनी के साथ मीटर लगाने का काम कर रही है।
इस तरह बिल्कुल साफ हो गया है कि निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की सारी प्रक्रिया में कॉन्फ्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट का उल्लंघन कर भारी भ्रष्टाचार चल रहा है। इससे और स्पष्ट हो जाता है कि निजीकरण की प्रक्रिया में कितना बड़ा भ्रष्टाचार होने वाला है।
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