चारबाग आने वाली ट्रेनें अब नहीं होंगी लेट, बचेगा एक घंटा!

शहर के स्टेशनों पर लोड होगा कम, यात्रियों को मिलेगी राहत: डीआरएम

चारबाग आने वाली ट्रेनें अब नहीं होंगी लेट, बचेगा एक घंटा!

  • लखनऊ के चारों ओर 170 किमी लंबा रेलवे कॉरिडोर बनाने की तैयारी
  • मानकनगर स्टेशन लाइन के आसपास लगे कूड़े के ढेर हटाने के निर्देश

लखनऊ। अलग-अलग रेलखंडों से लखनऊ चारबाग लाइन पर आने वाली ट्रेनें अब आगे विभिन्न तरह के ब्लॉकेज की वजह से कहीं आउटर या जहां-तहां नहीं खड़ी होंगी, बल्कि आने वाले दिनों में ऐसी रेलगाड़ियों के आवागमन में प्रति ट्रेन के लिये अधिकतम एक घंटे की बचत होगी जिसका सीधा लाभ पैसेंजरों को मिल सकेगा। दरअसल, लखनऊ शहर के चारों ओर 170 किमी का लम्बा रेलवे कॉरिडोर प्लान किया जा रहा है, ऐसे में विभिन्न रूटों से जो भी ट्रेन शहरी एरिया में स्थित रेलवे स्टेशनों की ओर आयेंगी, वो उक्त कॉरिडोर से लिंक होते हुए संबंधित स्टेशनों पर खड़ी कर दी जायेंगी और आगे फिर अन्य ट्रेनों के लिये रास्ता साफ हो जायेगा। इसी विषय को लेकर बुधवार को डीआरएम उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल एसएम शर्मा मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुए। 

उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में लखनऊ से अयोध्या, कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, सीतापुर, रायबरेली, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर की ओर जाने वाली अधिकतम ट्रेनों का संचालन होता है। यही नहीं इसी कड़ी में लखनऊ-ऐशबाग आदि स्टेशनों पर भी 90 फीसद मालगाड़ियों व 70 से 80 फीसद ट्रेनों का ऑपरेशन होता है। वहीं लखनऊ क्षेत्र में मुख्यत: सात रेल मार्ग हैं, जिन पर काफी लोड रहता है। डीआरएम ने कहा कि भीड़भाड़ और रेल यातायात में आने वाली इन बाधाओं को दूर करने के लिये ही लखनऊ आर्बिटल रेलवे कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा जोकि तकरीबन साढ़े सात हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है। 

आगे बताया कि कुल 170 किमी. के दोहरीकृत रेलमार्ग के इस ऑर्बिटल रेल कॉरीडोर का निर्माण कार्य लखनऊ-कानपुर सेक्शन, लखनऊ- शाहजहांपुर मुरादाबाद सेक्शन, ऐशबाग-डालीगंज सीतापुर सिटी, लखनऊ- बाराबंकी- गोंडा सेक्शन, लखनऊ- बाराबंकी-अयोध्या सेक्शन, लखनऊ-सुल्तानपुर वाराणसी सेक्शन एवं लखनऊ-रायबरेली-वाराणसी सेक्शन की रेल परिसीमाओं के अंतर्गत किया जाएगा।

बताया कि परियोजना के सर्वेक्षण की स्वीकृति मिल गई है और इसके बाद डीपीआर तैयार किया जायेगा। वहीं चारबाग स्टेशन के 100 साल इसी अप्रैल माह में पूर्ण होने पर वहां सरकुलेटिंग एरिया के आसपास फैले बेतरतीब ट्रैफिक के मकड़जाल को शिफ्ट कराने के मद्देनजर डीआरएम ने मौके पर ही सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी को निर्देशित किया। साथ ही मानकनगर आदि बाहरी स्टेशनों के लाइनों के आसपास पड़े कूड़े के ढेर को अविलंब हटवाने को कहा।

एनईआर-ईसीआर का प्रवेश द्वार माना जाता है ‘उत्तर रेलवे’!

  • यह कॉरिडोर वाई कनेक्शन के माध्यम से जुड़ा होगा और रेल-ऑन-रेल पुलों (ऑरओआर) के जरिए प्रमुख मार्गों के ऊपर से गुजरेगा।
  • एक नया ग्रीनफील्ड मेगा पैसेंजर टर्मिनल विकसित किया जाएगा, जिसमें 30 से अधिक लाइनें और 20 प्लेटफार्म होंगे।
  • एक मेगा रेल लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण आगरा एक्सप्रेसवे के निकट किया जाएगा।
  • ट्रेनों के ऑपरेशन में विलंब को कम करके प्रति गाड़ी लगभग 1 घंटे का समय बचेगा।
  • उत्तर रेलवे, उत्तर-पूर्व रेलवे, और पूर्व-मध्य रेलवे के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। 

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