थाने में हुए विवाद के बाद दो गुट में बंटा बार एसोसिएशन
बुधवार पुलिस के खिलाफ वकीलों का प्रदर्शन
- एक गुट हड़ताल पर,दूसरे ने किया काम
लखनऊ। राजधानी के विभूतिखंड थाने में वकील और पुलिस के बीच हुए विवाद के बाद वकील दो गुट में बंट गए हैं। एक गुट अल्टीमेटम देने के बाद हड़ताल से पीछे हट गया। जबकि दूसरे गुट ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। होली के दिन थाने पर पुलिस से विवाद के बाद हड़ताल, रैली, प्रदर्शन और कमिश्नर ऑफिस के घेराव का अल्टीमेटम वकीलों ने दिया था। उसके बाद पुलिस ने एक इंस्पेक्टर, तीन दरोगा और एक सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया। पुलिस और वकीलों के बीच हुई मारपीट के मामले की चारों एफआईआर की जांच अब गोमतीनगर विस्तार के थाने से कराई जाएगी।
पुलिस से मुकदमे वापस लेने के लिए तीनों बार एसोसिएशन ने आपात बैठक की थी। उसके बाद सबका निर्णय था कि कमिश्नर ऑफिस का घेराव और प्रदर्शन किया जाएगा। उसके बाद घेराव के तय समय पर प्रदर्शन के बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बयान आ गए कि हमारी लड़ाई पुलिस से है, न्यायपालिका से नहीं। इसलिए कार्य करते रहेंगे। यह सुनते ही लखनऊ बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन के वकील भड़क गए। उनका कहना है कि पुलिस मामले में घालमेल कर रही है। पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक मुकदमे वापस नहीं होंगे तब तक वकील अपना प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे। इसके बाद स्वास्थ्य भवन चौराहे पर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
दरअसल, पुलिस पर थाने में वकील के मुंह पर पेशाब करने का आरोप है। इसी के चलते मंगलवार शाम को लखनऊ बार, सेंट्रल बार और अवध बार एसोसिएशन ने हड़ताल की। इसके बाद बुधवार दोपहर 1 बजे तक अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को वापस करने का अल्टीमेटम दिया। वकीलों ने चेतावनी दी थी कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं हुई तो सैकड़ों अधिवक्ता पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव करेंगे। वकीलों के प्रदर्शन से पीछे हटने की सूचना मिलते ही बार एसोसिएशन दो गुट में बंट गए। लखनऊ बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन के दूसरे गुट के अधिवक्ताओं ने स्वास्थ्य भवन चौराहे पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने नारेबाजी भी की। मंगलवार को वकीलों के मामले को लेकर लखनऊ में कई चौराहों पर पुलिस हाई अलर्ट पर रही। बैरिकेडिंग के साथ पुलिस बल सड़कों पर उतारा गया। जवान लाठी और सेफ्टी जैकेट से लैस थे। यह तैयारी वकीलों के हड़ताल पर जाने और शहर में रैली निकालने के ऐलान के बाद की गई थी।
लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री ने बताया कि उनके द्वारा हड़ताल को वापस ले लिया गया है। गुरुवार से पूर्व की तरीके से न्यायिक कार्य शुरू हो जाएंगे। पुलिस कमिश्नर लखनऊ से वार्ता हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि मुकदमे वापस होंगे और इसकी एसआईटी जांच कराई जाएगी। सेंट्रल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने कहा है कि वह प्रदर्शन इसलिए कर रहे हैं कि पुलिस के द्वारा षड्यंत्र करके कार्रवाई की गई थी। ऐसे दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। अब हम लोग एक संयुक्त सभा करेंगे। उसके बाद निर्णय लेंगे कि आगे की क्या कार्रवाई की जाए। विभूतिखंड थाने में होली पर हुए विवाद के बाद वकीलों और पुलिस में टकराव है। वकील मामले में आज पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर अपने ऊपर लगे मुकदमे वापस करने की मांग रखेंगे। पुलिस ने विवाद के बाद 150 वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी।
लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रसाद तिवारी, मंत्री ब्रज भान सिंह, सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद सिंह कुशवाहा और मंत्री अमरेश सिंह की अगुआई में लाइब्रेरी हॉल में संयुक्त बैठक हुई। बैठक में 11 प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
बैठक में वकीलों ने कहा कि पुलिस यातायात डायवर्जन और स्कूल बंद कराकर वकीलों की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। मांग की कि विभूति खंड थाने के दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित किया जाए। अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को फर्जी बताते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जाए। अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। कहा कि पुलिस कमिश्नरेट की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति भ्रामक है। विवाद बढ़ने के बाद एक इंस्पेक्टर समेत नौ पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। पुलिस ने भी दो नामजद वकीलों समेत कई अज्ञात अधिवक्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया है, जिसे वकीलों ने फर्जी बताया है। वकीलों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज होगा।
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