इंजीनियर्स फेडरेशन राष्टीय आपादा घोषित करने की उठाई मांग

बिजली इंजीनियरों संघ ने प्रधान मंत्री को भेजा पत्र

इंजीनियर्स फेडरेशन राष्टीय आपादा घोषित करने की उठाई मांग

लखनऊ। भीषण गर्मी को राष्टीय आपदा घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री से मांग की है। सोमवार को बिजल इंजीनियर संगठन ने बिजली की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन  ने मांग की है कि हीट वेव को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। वहीं एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने प्रधानमंत्री को मेल करके लिखे एक पत्र में उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। पत्र की प्रति सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी भेज दी गई है। एआईपीईएफ का कहना है कि विशेष रूप से उत्तर भारत में अत्यधिक गर्मी के कारण उत्तरी राज्यों में बिजली की मांग चरम पर है। बीते 30 मई को, उत्तरी क्षेत्र ने रिकॉर्ड मांग हासिल की, जो 86.7 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।
 
इस महीने के दौरान, बिजली की अधिकतम मांग यूपी में 29000 मेगावाट, पंजाब में 14000 मेगावाट, हरियाणा में 12000 मेगावाट और दिल्ली में 8300 मेगावाट को पार कर गई। एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने प्रधान मंत्री से अनुरोध किया है कि वर्तमान गर्मी को बाढ़ और चक्रवात आदि जैसी राष्ट्रीय आपदा घोषित करें और स्थिति से निपटने के लिए अल्पावधि और मध्यावधि में निम्नलिखित उपाय करें। एआईपीईएफ द्वारा सुझाए गए उपाय हैं - कार्यालय का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक बदल दिया जाना चाहिए, सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, मॉल, दुकानें आदि शाम 7 बजे बंद कर दिए जाने चाहिए। उद्योग पर पीक लोड प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
 
बिजली चोरी को एनएसए के तहत कवर किया जाए। राज्य की नीति के रूप में मुफ्त बिजली तुरंत बंद कर दी जानी चाहिए। राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पावर फैक्टर 0.95 के आसपास रखने के लिए उनके सबस्टेशन पर पर्याप्त कैपेसिटर बैंक काम कर रहे हों।
 
धान की बुआई में पानी अधिक खपत करने वाली किस्मों पर प्रतिबंध लगाएं और बासमती आदि जैसी किस्मों को प्रोत्साहित करें जो 90 दिनों में पक जाती हैं और किसान को प्रति एकड़ 40 फीसदी अधिक मौद्रिक रिटर्न देती हैं।एआईपीईएफ ने मध्यावधि उपाय भी सुझाए हैं - किसी भी वितरण ट्रांसफार्मर पर उसकी क्षमता का 75 प्फीसदी से अधिक भार नहीं डाला जाएगा। सबस्टेशनों, डीटी आदि पर अर्थिंग सिस्टम की जांच की जाए और उसका अच्छे से रखरखाव किया जाए। पुराने कंडक्टर को नए कंडक्टर से बदला जाए।
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