सुसाइड नोट छोड़कर किसान ने लगाई फांसी, बोला मरने के बाद तेरहवीं नहीं कन्या भोज हो
जालौन। एट कोतवाली क्षेत्र में सोमवार को एक किसान ने मरने से पहले एक सुसाइड नाेट लिखा। जिस पर लिखा था कि "कोतवाली थाना एट जनपद जालौन, सत्य ही ईश्वर है, श्रीमान दारोगा जी साहब हमारे मेरे घर परिवार का कोई दोष नहीं है। दोषी लोग उदय करन व विशनाथ, ऊषा पत्नी उदय करन पटेल, श्रवण कुमार (रानू) पुत्र उदय करन, चंद्रप्रकाश पुत्र उदय हमको ये लोग गालियां देकर परेशान कर रहे हैं।" सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि उसकी तेरहवीं न की जाए, उसकी जगह कन्या भोज किया जाय। इस तरह का सुसाइड नोट लिखने के बाद किसान ने कमरे में सोमवार को फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में लिया और फंदे से शव उतरवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। किसान के पुत्र अजय पटेल की तहरीर पर आरोपितों पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
थाना क्षेत्र के ग्राम सतोह निवासी 63 वर्षीय रामबाबू पटेल के पास 10 एकड़ जमीन है। उसी में खेती करके परिवार का गुजर बसर करता था। उसके पड़ोसी उसका चबूतरा नहीं बनने दे रहे थे। इसी को लेकर विवाद कर आए दिन उसे परेशान करते थे। इसी कारण उसने सोमवार की दोपहर बाड़ा में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने कमरा की तलाशी ली तो पास में ही सुसाइड नोट रखा मिला। जिसमें पड़ोसी उदय करन, विशनाथ, ऊषा पत्नी उदय करन, उसके पुत्र श्रवण कुमार व चंद्रप्रकाश पर चबूतरे के विवाद में परेशान होकर फंदा लगाकर खुदकुशी करने की बात लिखी थी। सीओ परमेश्वर दयाल ने बताया कि मुकदमा लिखा गया है।
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