बिजली कर्मचारियों ने असंवैधानिक आदेश की जलाईं प्रतियां
निजीकरण के घोटाले को अंजाम देने के लिए निधि नारंग का बढ़ाया गया कार्यकाल
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर शनिवार प्रदेश के समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में पॉवर कारपोरेशन द्वारा जारी किये गये तानाशाहीपूर्ण असंवैधानिक आदेश की प्रतियां जलाईं गयी। संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बनाकर हड़ताल थोपने के हालात बनाने के आरोप में पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। निजीकरण के घोटाले को अंजाम देने के लिए पॉवर कारपोरेशन ने निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार तीन माह के लिए बढ़ाया है।
समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण करने के लिए इतने उतावले हो गये हैं कि उन्होंने संविधान के आर्टिकल 311(2) का उल्लंघन कर बिजली कर्मचारियों की बर्खास्तगी का अलोकतांत्रिक,असंवैधानिक आदेश जारी कर उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसलों का भी अपमान किया है।
समिति ने कहा कि बिजली कर्मियों के शान्तिपूर्ण आन्दोलन से बौखलाये डॉ आशीष गोयल इस भीषण गर्मी में ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बनाकर हड़ताल थोपने में लगे हैं।
दूसरी ओर बिजली कर्मी आन्दोलन करते हुए भी उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होने दे रहे हैं और उनकी समस्यायें अटेण्ड की जा रही हैं। संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मांग की है कि वे डॉ आशीष गोयल की अलोकतांत्रिक,असंवैधानिक और तानाशाहीपूर्ण गतिविधियों को देखते हुए उन्हें तत्काल पद से बर्खास्त करने की कृपा करें।
समिति ने कहा कि निदेशक वित्त, निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार तीन माह के लिए बढ़ाने से संघर्ष समिति के इस आरोप की पुष्टि हो गयी है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनाल्टी लगने के मामले में उसकी नियुक्ति रद्द करने के बजाये निधि नारंग ग्रान्ट थॉर्टन को क्लीन चिट देने वाले हैं।
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