48 घंटे में मिले 7 नए मरीज फिर बढ़ने लगे राजस्थान में कोरोना के केस
जयपुर । एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले सामने आने लगे हैं। राजस्थान में पिछले 48 घंटों के भीतर सात नए कोरोना केस सामने आए हैं। इनमें से चार मरीज जोधपुर के एम्स अस्पताल में और तीन जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग इन मामलों को लेकर सतर्क हो गया है और वायरस के प्रकार की पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग करवाई जा रही है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने तीनों संक्रमित मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग करवाने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह पता चल सके कि वे किस वैरिएंट से संक्रमित हुए हैं। वर्तमान में कोविड का नया सब-वैरिएंट जेएन.1 फैल रहा है, जिसने कई एशियाई देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी ला दी है।
जोधपुर एम्स में मिले चार मरीजों में तीन बच्चे शामिल हैं, जिनकी उम्र पांच महीने, 11 साल और 12 साल है। इसके अलावा एक 38 वर्षीय युवक भी संक्रमित मिला है। बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आना चिंता का विषय जरूर है, लेकिन फिलहाल किसी की हालत गंभीर नहीं बताई गई है।
जयपुर में शनिवार को मीडिया से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि फिलहाल कोई पैनिक की स्थिति नहीं है। केंद्र सरकार या स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई अलर्ट या एडवाइजरी जारी नहीं की गई है, जिससे यह साबित हो कि यह वैरिएंट घातक है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि हाल ही में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की बैठक हुई थी। विशेषज्ञों ने बताया कि जेएन.1, ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स में से एक है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह वायरस गंभीर बीमारियों या मौत का कारण नहीं बनता और रूटीन दवाओं से इलाज संभव है।
जेएन.1 वैरिएंट को पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे "वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" घोषित किया। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार यह वैरिएंट पहले की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता जरूर है, लेकिन इसके लक्षण गंभीर नहीं होते।
इस वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर किसी को लंबे समय तक खांसी, थकान, सांस लेने में दिक्कत या सिरदर्द जैसे लक्षण बने रहते हैं तो यह “लॉन्ग कोविड” हो सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर से संपर्क कर जरूरी इलाज लेना चाहिए।
भीलवाड़ा जैसे जिलों में अब तक कोई नया मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीमें सजग हैं। पहले भी कोरोना की लहरों के दौरान यहां कड़े प्रबंध किए गए थे।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से आमजन से अपील की जा रही है कि घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क जरूर रहें। मास्क का उपयोग, हाथ धोना और भीड़भाड़ से बचना जैसी सावधानियां अभी भी प्रभावी उपाय हैं। अगर किसी को सर्दी-खांसी या बुखार जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यह समय सजग रहने का है, न कि डरने का। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
टिप्पणियां