सीएम योगी ने 724 करोड़ की परियोजनाओं का कासगंज में किया लोकार्पण व शिलान्यास
इस अवसर पर 25.63 हेक्टेयर में फैली नवनिर्मित अत्याधुनिक पुलिस लाइंस का उद्घाटन भी किया
कासगंज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कासगंज में 724 करोड़ रुपये की 60 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने 25.63 हेक्टेयर में फैली नवनिर्मित अत्याधुनिक पुलिस लाइंस का उद्घाटन भी किया। इसे बनाने में योगी सरकार ने 191 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार कासगंज की पौराणिक और आध्यात्मिक विकास के साथ ही यहां की बुनियादी सुविधाओं को आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2008 में बना कासगंज जिला विकास के लिए तरस रहा था। 2017 से पहले की सरकारों के एजेंडे में विकास कभी नहीं रहा, अराजकता और भ्रष्टाचार ही उनकी पहचान थी। आज कासगंज विकास के पथ पर तेजी से दौड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 191 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह पुलिस लाइंस 1,000 पुलिस कर्मियों के लिए बैरक, अधिकारियों के लिए आवासीय सुविधाएं, ऑडिटोरियम और अन्य आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। पहले पुलिस कर्मी टूटी-फूटी बैरकों में रहने को मजबूर थे। अब हाई-राइज इमारतों में शानदार आवासीय सुविधाएं दी जा रही हैं। यह पुलिस लाइंस देश के लिए एक मॉडल है। आज यूपी पुलिस माफियाओं के लिए काल बन चुकी है। कोई माफिया समानांतर सरकार नहीं चला सकता, न ही गरीब की संपत्ति पर कब्जा कर सकता है। बेटी और व्यापारी की सुरक्षा पर सेंध लगाने की कोशिश करने वालों को अब यमराज का इंतजार करना पड़ता है।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जैसे देश की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सेना का आधुनिकीकरण किया, जिसका परिणाम ऑपरेशन सिंदूर में देखने को मिला। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया। अगर हमारे पास मजबूत सेना और बहादुर जवान न होते तो देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी। आज भारतीय सेना दुश्मन के घर में घुसकर उसका खात्मा करने की क्षमता रखती है। वैसे ही देश और राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए पुलिस का आधुनिकीकरण करना जरूरी है।
प्रदेश में 2017 से पहले था अराजकता का माहौल
योगी ने 2017 से पहले की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उस दौर में उत्तर प्रदेश में अराजकता का माहौल था। शाम होते ही सड़कों पर कर्फ्यू जैसा दृश्य होता था। उपद्रवी सड़कों पर तांडव करते थे। न बेटियां सुरक्षित थीं, न व्यापारी। हर तीसरे दिन दंगे होते थे और पर्व-त्योहारों से पहले लोगों के मन में डर समा जाता था।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2008 में कासगंज जिले के गठन के बाद भी पूर्ववर्ती सरकारों ने पुलिस लाइंस जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराईं। सन 2008 से 2017 तक, न जमीन दी गई, न पैसा। 12 जिलों में पुलिस लाइंस नहीं थीं। डीएम और एसपी को ब्लॉक में बैठना पड़ता था। ऐसी स्थिति में 25 करोड़ की आबादी की सुरक्षा कैसे संभव थी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें गुंडों के साथ मिलकर अराजकता फैलाती थीं, सज्जनों को प्रताड़ित करती थीं और विकास ठप था।
सोरों का महत्व संभल के समान है
मुख्यमंत्री ने कासगंज की आध्यात्मिक और पौराणिक महत्ता की चर्चा करते हुए कहा कि यह भगवान विष्णु के वराह अवतार और महर्षि कपिल की तपोभूमि है। सोरों का महत्व संभल के समान है। संभल भगवान विष्णु के दसवें अवतार की भूमि है तो सोरों तीसरे अवतार की। यह हमारा सौभाग्य है कि डबल इंजन सरकार ने इस आध्यात्मिक महत्व को समझा और विकास की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया। सीएम योगी ने कहा कि जैसे अयोध्या, मथुरा और वृंदावन का विकास हो रहा है, वैसे ही सोरों का भी विकास होगा।
इस दाैरान मुख्यमंत्री ने कासगंज में मुख्यमंत्री कम्पोजिट विद्यालय की आधारशिला भी रखी, जो प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में इस प्रकार के विद्यालय को जिला स्तर पर, फिर तहसील, ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर पर यह स्थापित किए जाएंगे। इस माैके पर गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, विधायक हरिओम वर्मा, देवेन्द्र सिंह राजपूत, विधान परिषद सदस्य रजनीकान्त माहेश्वरी, डॉ. मानवेन्द्र प्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रत्नेश कश्यप समेत कई जनप्रतिनिधि व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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