बलरामपुर बदल गया है, अपराधी अपराध छोड़ दें या फिर जिला : एसपी

बलरामपुर बदल गया है, अपराधी अपराध छोड़ दें या फिर जिला : एसपी

बलरामपुर। अपराधी मानसिकता वाले एक बात अच्छी तरह से जान लें कि यह बलरामपुर जिला है। अपराधी या तो अपराध छोड़ दें या जिला छोड़ दें। अपराधी चाहे जितना भी रसूखदार हो वह कानून से नहीं बचेगा। बाहर से जो भी यहां आ रहा है वह कानून का फॉलो करें और नश्चिति होकर अपना काम करें। जिले में काम करने का अभी भी बहुत स्कोप है। चैलेंजिंग जिला है डेवलप हो रहा है, बहुत कुछ हो भी चुका है।

उक्त बातें बलरामपुर जिले के पुलिस कप्तान वैभव बेंकर ने हिन्दुस्थान समाचार से आज मंगलवार को एक विशेष भेंटवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि, यह नक्सल गतिविधि अब बल्कुिल खत्म हो चुकी है। गांव-गांव तक विकास किया जा रहा है। नक्सल मामले में बहुत अच्छा काम हुआ है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रामानुजगंज ज्वेलरी डकैती कांड उनके लिए सबसे ज्यादा चैलेंजिंग केस रहा है, क्योंकि अपराधी बेहद शातिर और एडवांस टैक्नालॉजी वाले थे। वैसे तो हर अपराध हमारे लिए एक चैलेंज ही होता है। फिर भी कुछ केस खास ही होते हैं।

जिले की संवेदनशीलता को लेकर बात करते हुए कहा कि, हमारा जिला तीन राज्यों की सीमा से लगा हुआ है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। आने वाले समय में हम बार्डर एरिया में नेटवर्क पर और ज्यादा ध्यान देंगे। अभी भी नेटवर्क इटिलिजेंस से हम दूसरे राज्यों की सीमा पुलिस से निरंतर सम्पर्क में रहते हैं और जानकारियों का आदान-प्रदान करते हैं।

हमारी पुलिस टीम बहुत अच्छी है। किसी खास स्थिति में हम दस मिनट के अन्दर अपनी सीमाएं सील कर देते हैं ताकि कोई भाग न पाए। रामानुजगंज डकैती के इनवेस्टिगेटिंग के दौरान हमने इनसे बहुत कुछ सीखा क्योंकि यह हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, फिर वेलसेटेड टीम से हम इसे सुलझाने में सफल रहे।

नक्सल मामले में कल्लूरी हमारे आइडल रहे हैं। हमने उनसे बहुत कुछ सीखा है। जिले के सन्दर्भ में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि, मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन कितना रसूखदार है। कानून के लिए सब बराबर है। बलरामपुर जिला बदल रहा है, बलरामपुर जिला बदल चुका है। स्वयं के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां से पहले वे दुर्ग में सीएसपी और बीजापुर में एडिशनल एसपी रह चुके हैं।

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मिलने और पुलिस थाने में उसके पति द्वारा आत्महत्या के बाद पुलिस के सामने खुद को निर्दोष साबित करना एक बड़ी चुनौती थी। उच्चस्तरीय जांच के बाद हमारी पुलिस अंततः दोषमुक्त साबित हुई और हमारी यह धारणा और प्रबल हुई कि सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता। सूरजपुर से पुलिस परिवार की हत्या कर भागे अपराधी कुलदीप साहू की गिरफ्तारी भी हमारी एक बड़ी उपलब्धि थी। उसी तरह ट्रीपल हत्याकांड के आरोपितों को कर्नाटक और झारखण्ड से पकड़ना हमारी लिए चुनौतिपूर्ण रहा।

बेंकर ने कहा कि बलरामपुर बड़ा जिला है। यहां सोलह थाने है। यहां चोरी, डकैती, लूट हत्या, जमीन का फर्जीवाड़ा सहित हर प्रकार के क्राइम होते हैं। हालांकि अब यह नक्सल अपराध से बाहर आ गया है किन्तु अभी भी छिटपुट इनपुट मिलती रहती है। नक्सल गतिविधि को लेकर पुलिस के सामने शुरू और अंत में अलग अलग प्रकार की चुनौती रहती है। आज नक्सल मुक्त होने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्य तेजी से हुआ है। शिक्षा, पानी, बिजली सड़क सहित अन्य सुविधाएं लोगों तक पहुंची है। लोग शांत जीवन जी रहे हैं। फिर भी सीमा पार की हलचलों को लेकर हमें सचेत रहने की जरूरत है।

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