अच्छी योजना का प्रबंधन अधिकारियों ने किया बुरा हाल: अवधेश
लखनऊ। प्रदेश के निजी नलकूप वाले किसान मुफ्त बिजली योजना के प्रति उनका रूझान न जाने क्यों कम दिख रहा है। हालांकि मार्च से शुरू हुई प्रक्रिया के लिए अभी तक सिर्फ 35.70 फीसदी किसानों ने ही पंजीयन कराया है। जिन किसानों का कोई बकाया नहीं है,वे भी इस योजना में आगे नहीं आ रहे हैं। तो वहीं कुछ लोग योजना का लाभ लेने के लिए बनाए गए कड़े नियम बताए जा रहे हैं।
ऐसे में पावर कापोर्रेशन ने योजना में पजीयन की तिथि 15 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है। प्रदेश में 14.96 लाख किसानों ने निजी नलकूप के लिए कनेक्शन लिया है। इसमें 5.91 लाख किसान बकायेदार नहीं है, जबकि 9.04 लाख किसान बकायेदार हैं। प्रदेश सरकार की ओर से निजी नलकूप वाले किसानों को एक अप्रैल 2023 से मुफ्त बिजली देने की योजना शुरू की गई है। इसके लिए किसानों को उत्तर प्रदेश पावर कापोर्रेशन की वेबसाइट पर पंजीयन करना है। जिन किसानों का 31 मार्च 2023 से पहले बकाया है, उन्हें पुराना बकाया जमा करना होगा, तभी योजना का लाभ मिलेगा। विभाग की ओर से योजना के प्रचार- प्रसार का दावा किया जा रहा है, लेकिन इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान आगे नहीं आ रहे हैं।
हालत यह है कि जिन किसानों का कोई बकाया नहीं है उनमें भी अभी तक सिर्फ 370482 ने ही पंजीयन कराया है। बकायेदार और गैर बकायेदार को मिलाकर प्रदेश के कुल किसानों की अपेक्षा अभी तक सिर्फ 35.70 फीसदी किसानों ने ही पंजीयन कराया है। ऐसे में पावर कापोर्रेशन ने पंजीयन की तिथि 15 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है। प्रदेश सरकार की अच्छी योजना का कापोर्रेशन प्रबंधन के अधिकारियों ने बुरा हाल कर दिया है। लंबे इंतजार के बाद सात मार्च 2024 को योजना लागू की गई। इसमें नियमों का अड़ंगा ऐसा डाल दिया गया है कि किसान परेशान हैं और वे पंजीयन कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष राज्य उपभोक्ता परिषद ने इस बाबत अहम जानकारी दी।
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