नये वर्ष पर संकल्प शक्ति को शुभ एवं सकारात्मक बनाने की आवश्यकता : देवशंकर

नये वर्ष पर संकल्प शक्ति को शुभ एवं सकारात्मक बनाने की आवश्यकता : देवशंकर

रांची। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय चौधरी बगान, हरमू रोड में नये वर्ष के आगमन के अवसर पर रविवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए दूरसंचार विभाग के निदेशक देवशंकर ने कहा कि प्रत्येक वर्ष नए साल को बेहतर और खुशनुमा बनाने के लिए हम सभी कई शुभ संकल्प, विचार व वायदे अपने आप से करते हैं लेकिन व्यावहारिक जीवन में मन में अनेक विचार तथा बातें भी आती है। उन्होंने कहा कि इनमें बहुत से संकल्प सकारात्मक, नकारात्मक, दृढ़ व कमजोर होते हैं। नकारात्मक या कमजोर संकल्प हमें जीवन में आगे नहीं बढ़ने देते। संबंधों पर भी हमारी सोच का गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस नये वर्ष के अवसर पर हमें अपनी संकल्प शक्ति को शुभ एवं सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है, तभी सबके जीवन में सुख शांति और समृद्धि आएगी। अपने संकल्पों को शक्ति शाली व सकारात्मक बनाने में राजयोग का अभ्यास बहुत ही लाभकारी है।

अभियांत्रिकी शिक्षक डॉ. कृष्ण कुमार दुबे ने कहा कि व्यवहार यदि अच्छा है तो मन ही मंदिर है। आहार यदि अच्छा है तो तन ही मंदिर है। विचार यदि सकारात्मक है तो मस्तिष्क ही मन्दिर है। यह तीनों यदि अच्छे हैं तो जीवन ही मंदिर है। कितनी खूबसूरती से परमात्मा हमारी जिन्दगी में एक-एक दिन जोड़ता है। इसलिए नहीं कि हमें उसकी जरूरत है, शायद इसलिए कि किसी और को आपकी ज्यादा जरूरत है। इसलिए अपने जीवन को नववर्ष में नए तरीके से जीने के लिए स्वयं को प्रेरित कर सकते हैं। समाजसेवी जेपी गुप्ता ने कहा कि बहुत समय से दुख व अशांति के ओढ़े हुए लबादे को फेंक कर ही आत्मा सुख-शांति के सुंदर लिबास को धारण कर सकती है। समस्त विश्व को एकता और शांति के मधुर सूत्र में पिरोने का दिव्य कार्य किसी वैज्ञानिक, राजनीतिज्ञ या धर्म स्थापक का न होकर केवल मात्र विश्व पिता परमात्मा द्वारा ही होना सम्भव है। ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि बड़े हर्ष का समय है नये वर्ष के साथ नवयुग का भी आगमन हो रहा है। अब पुराना वर्ष बीतने के साथ-साथ अब अपने स्वार्थ व अहंकार रूपी पुराने संस्कारों को परिवर्तन कर इस संसार को बदलना है। शीघ्र ही स्वर्णिम दुनिया हम सबकी नजरों के सामने होगी। अध्यात्म की अमृता वर्षा से सुखमय संसार शीघ्र आयेगा।

 

 

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