डाॅ बीपी त्यागी ने राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल से दिया इस्तीफा, पार्टी से उनका अब कोई नाता नहीं
गाजियाबाद। ( तरूणमित्र )
(1-)राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल से अब मेरा ना प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई संबंध नहीं है। मेरा त्याग पत्र संस्था को मिल चुका है और उन्होंने उसे मान भी लिया है।(2-) पार्टी छोड़ने का कारण :- अराजकता व समाज कल्याण का काम न होना और उसके विषय में कोई रणनीति न कोई दूर दृष्टि होना उनकी मंसा समाज का कार्य न करके अपने निजी स्वार्थ सिद्ध करना था (3-) हमारे बीच जो विवाद हुआ उस कारण से समाज और लोक कल्याण के लिए जो पैसे श्रीकांत को दिए गए वो वापस मांगने पर 20 लाख तो वापस आ गए पर बचे हुए 30 लाख देने में आनाकानी करने लगे और अब समाज और अन्य लोगों में तरह-तरह के झूठे दुष्प्रचार कर रहे हैं इसलिए आज प्रेस वार्ता कर सभी सम्मानित मीडिया कर्मियों को बुलाकर मैं डाॅ. बीपी त्यागी अपना पक्ष रख रहा हूं ताकि लोगों को किसी प्रकार का समाज में दुष्प्रचार न हो और गलत संदेश न जाए। डॉ बीपी त्यागी ने कहा कि उनके द्वारा आमजन मानस की सेवा करना उनका पहला धर्म है, और इसी कारण वह पार्टी से जुड़े ताकि आमजन मानस की और अधिक सेवा कर सकें, उन्होंने कहा कि श्री कांत त्यागी से वह कतई प्रभावित नहीं थे बल्कि उनकी पत्नी बहन अन्नू त्यागी के साथ हुए अभद्र व्यवहार होने के चलते वह पार्टी से जुड़े ताकि एक मजबूत दिशा में आमजन के पक्ष को रख सकें और किसी भी व्यक्ति के साथ अभद्रता नहीं होने पाए, साथ ही बहन अन्नू त्यागी को राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल की अध्यक्ष बनाने को लेकर वह पार्टी से जुड़े, डाॅ बीपी त्यागी ने कहा कि श्री कांत त्यागी को चाहिए कि वह मेरा बचा हुआ 30 लाख रुपये मुझे बापिस करें ताकि भविष्य में संबंध खराब न हों, उन्होंने कहा कि अगर श्री कांत त्यागी ने उन्हें बचा हुआ उनका पैसा बापिस न किया तो वह अपने एडवोकेट के द्वारा कार्यवाही करने का कदम मजबूरन उठाएंगे। प्रेस वार्ता कर उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में जुड़ा जिसका मुख्य उद्देश्य यही था कि वह आमजन मानस की और अधिक सेवा कर सकें लेकिन पार्टी में अराजकता व समाज कल्याण का काम न होना और उसके विषय में कोई भी रणनीति न कोई दूर दृष्टि होना उनकी मंसा समाज का कार्य न करके अपने निजी स्वार्थ सिद्ध करना था जिसके लिए उन्होंने जो पैसा सामाजिक कार्यों के लिए लिया उस पैसे को श्री कांत त्यागी ने अपने निजी कार्यों में खर्च किया जिससे मैं आहत था और पार्टी में लगातार अनुशासनहीनता होना इस बात की ओर इशारा कर रही थी कि पार्टी समाज में बेहतर विकल्प नहीं चुन सकेगी। और आमजन मानस में मेरी बनी हुई साख पर बट्टा लग जाएगा, इसलिए मैंने पार्टी से अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है।
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