सरकार के फैसले से नाराज हुआ अपना दल
सीएम योगी को पत्र लिखकर की ये मांग
- अपना दल (एस) का विरोध और मांग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एनडीए की सहयोगी पार्टी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल (सोनेलाल) ने कुछ नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया था। इसके बावजूद, भारतीय जनता पार्टी ने इन निष्कासित नेताओं को निगमों और बोर्डों में फिर से नियुक्त कर दिया, जिसका अपना दल ने कड़ा विरोध किया है। इस मुद्दे पर पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज की है।
अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष आर.पी. गौतम ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा कि इस फैसले से पार्टी आहत है और उन्होंने इन नेताओं को तत्काल पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि अपना दल (एस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और लंबे समय से उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों में योगदान दे रहा है। आरपी गौतम ने बताया कि पहले अपना दल (एस) के कोटे से मोनिका आर्या को अपर शासकीय अधिवक्ता और अरविंद बौद्ध को पूर्वांचल विकास बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया था।
हालांकि, दोनों को तीन साल पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों, संगठन के सिद्धांतों का उल्लंघन और अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह जानकारी मिली है कि बिना अपना दल (एस) से चर्चा किए मोनिका आर्या और अरविंद बौद्ध को नए कार्यकाल के लिए फिर से नियुक्त किया गया है।
गौतम ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इन नेताओं को तुरंत उनके पदों से हटाया जाए ताकि गठबंधन की मर्यादा बनी रहे और अपना दल (एस) के कार्यकर्ताओं में एनडीए के प्रति विश्वास और पारदर्शिता कायम हो। इसके साथ ही, अपना दल (एस) ने इन दोनों नेताओं को हटाने और उनकी जगह पार्टी के कोटे से दो नए नामों को नियुक्त करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।
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