आरएमएल में वार्षिक शोध दिवस कार्यक्रम
छात्रों ने रिसर्च पेपर की दी प्रस्तुति
लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में वार्षिक शोध दिवस कार्यकम का आयोजन किया गया।बुधवार को संस्थान द्वारा वार्षिक स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रजव्लित कर किया गया।जिसमें प्रतिभागी कार्यरत संकाय सदस्य एवं छात्रों ने स्वंय के रिसर्च पेपर की प्रस्तुति दी। वहीं वार्षिक रिसर्च डे कि वक्ता प्रो. शैली अवस्थी थी। प्रोफेसर द्वारा टूल्स फॉर बडिंग रिसर्चर हाउ एंड व्हेयर तो गेट फंडिंग ‘’विषय पर व्याख्यान दिया।
जिसमें उन्होनें महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करते हुए कहा कि एक शोधकर्ता को अपनी शोध में रचनात्मकता लानी चाहिए, क्या नयापन होना चाहिए और कैसे फंडिंग करके अपने आपको विश्व में अपने शोध को पब्लिश करवाना चाहिए। सफल अनुसंधान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विशाल और सफल अनुसंधान उन्मुख कार्यों के माध्यम से छात्रों को 20 वर्षों के लिए आगे सोचना चाहिए। इसी के साथ साथ आईआईटी कानपुर के डिपार्टमेंट आफ कम्प्यूटर साइंस की प्रोफेसर डा. प्रियंका बागड़े द्वारा आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की मदद से चिकित्सा जगत में नई क्रांति लाये जाने के बारे में विस्तृत वर्णन किया।उन्होनें समझाया कि वैज्ञानिक तरीके से कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा रोगी की देखभाल और दूरस्थ रोगी की देखभाल में सहायता की जा सकती है। इसके साथ उन्होंने शोध विद्यार्थियों के साथ आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की जानकारी साझा करते हुए अपने अनुभव प्रस्तुत किये। वहीं संस्थान की निदेशक एवं कुलपति केजीएमयू प्रो. सोनिया नित्यानंद द्वारा लोहिया संस्थान में नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज सेल की स्थापना की घोषणा की गई।
एनए एमएस उन संस्थानों में से एक है जो चिकित्सा और सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने संसाधनों के रूप में अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है और उसका उपयोग करता है। प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद संयोजक स्टेट चैपटर उप्र द्वारा एनएएमएस सेल की स्थापना एवं रजिस्ट्रेशन, फैलोशिप में पंजीकरण इत्यादि विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई। प्रो सोनिया नित्यानंद द्वारा अपने सम्बोधन में सर्वप्रथम लोहिया संस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित वार्षिक शोध दिवस के लिए वधाई दी।
उन्होनें संकाय सदस्यों एवं छात्रों को शोध दिवस में प्रतिभाग करने के लिए बधाई दी साथ ही अन्य संकाय सदस्यों एवं छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वह इस प्रकार आयोजित रिसर्च शोकेस प्रतिस्पर्धा में ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाग करें। क्योंकि अनुसंधान चिकित्सा शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा है। इस प्रकार लोहिया संस्थान के शोध कार्यों में वृद्धि होती जायेगी। कार्यक्रम का समापन सब डीन प्रोफेसर रितु करोली द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर किया गया।आज रिसर्च शोकेस के विजेताओं को स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जायेगा।
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