राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा में जिलाधिकारी ने दिया आवश्यक निर्देश
देवरिया। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व विभाग के अप्रैल माह के मासिक कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि राजस्व वादों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने भू-राजस्व वसूली, राजस्व वसूली, न्यायिक वाद, स्टांप वाद, चकबंदी न्यायालय के कार्य, खतौनियों के दाखिले की स्थिति, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना सहित विभिन्न कार्यों की गहन समीक्षा की और कहा कि राजस्व संहिता के अंतर्गत धारा-30 से जुड़े प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करें।
24 से जुड़े प्रकरण तीन माह में, धारा 34 के प्रकरण 35 दिन की अवधि में, धारा 80 से जुड़े प्रकरण 45 दिन तथा धारा 116 से जुड़े प्रकरणों को अधिकतम छह माह में निस्तारित करने का प्रावधान है। सभी अधिकारी उपर्युक्त समय का अनुपालन करें। ग्राम समाज की भूमि अथवा सार्वजनिक भूमि पर अवैध अतिक्रमण दिखे तो धारा 67 की कार्रवाई कर उसे मुक्त कराये। इस कार्य में शिथिलता किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कहा कि आय जाति व निवास प्रमाण पत्र बनाने में पारदर्शिता बरती जाये और निर्धारित समयावधि में आवेदक को उपलब्ध करायें। अकारण लोगों को न दौड़ाए।
जिलाधिकारी ने प्रत्येक तहसील के 10 बड़े बकायेदारों की सूची तहसील कार्यालय में दृश्य स्थल पर अंकित करने का निर्देश दिया। कहा कि जनपद के बड़े बकायेदारों से प्राथमिकता के आधार पर वसूली की जाए। डीएम ने की भी समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी जेआर चौधरी, एडीएम प्रशासन जैनेंद्र सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर श्रुति शर्मा, एसडीएम बरहज विपिन द्विवेदी, एसडीएम सलेमपुर दिशा श्रीवास्तव, एसडीएम भाटपाररानी रत्नेश तिवारी, एसडीएम रुद्रपुर हरिशंकर लाल, डीजीसी नवनीत मालवीय सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे।
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