इन 34 विभूतियों को मिलेगा 'पद्मश्री'

इन 34 विभूतियों को मिलेगा 'पद्मश्री'

पद्म पुरस्कार : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया है. इसमें विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली 34 विभूतियों को पद्म श्री देने का निर्णय लिया गया है.साल 1954 में केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्‍कारों की शुरुआत की थी. साल 1955 में इसे पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण नाम दे दिया गया. तब से ये सिलसिला चला आ रहा है.

पद्म पुरस्‍कार भारत के विशिष्‍ट नागरिक सम्‍मानों में आते हैं. देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' के बाद तीन श्रेणियों में पद्म विभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री के तौर पर ये पद्म पुरस्‍कार दिए जाते हैं.
इन 34 विभूतियों को मिलेगा 'पद्मश्री'
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर पद्म पुरस्‍कारों की घोषणा
नाम    उम्र    राज्य    किस क्षेत्र में सम्‍मान
1    पार्वती बरुआ    67 वर्ष    असम    सोशल वर्क (एनिमल वेलफेयर)2    जागेश्वर यादव    67 वर्ष    छत्तीसगढ़    सोशल वर्क (आदिवासी)3    चामी मुर्मू    52 वर्ष    झारखंड    सोशल वर्क (पर्यावरण)4    गुरविंदर सिंह    53 वर्ष    हरियाणा    सोशल वर्क (दिव्यांग)5    सत्य नारायण बलेरी    50 वर्ष    केरल    खेती(एग्रीकल्चर)6    दुक्खू मांझी    78 वर्ष    पश्चिम बंगाल    सोशल वर्क (पर्यावरण)7    के चेल्लामल    69 वर्ष    अंडमान-निकोबार    खेती(एग्रीकल्चर)8    संगथंकिमा    63 वर्ष    मिजोरम    सोशल वर्क (बाल कल्याण)9    हेम चंद्र मांझी    70 वर्ष    छत्तीसगढ़    आयुष10    यानुंग जमोह लेगो    58 वर्ष    अरुणाचल प्रदेश    खेती(एग्रीकल्चर)11    सोमन्ना    66 वर्ष    कर्नाटक    सोशल वर्क (आदिवासी)12    सर्वेश्वर बासुमेतेरी    61 वर्ष    असम    खेती(एग्रीकल्चर)13    प्रेमा धनराज    72 वर्ष    कर्नाटक    मेडिसिन14    उदय विश्वनाथ देशपांडे    70 वर्ष    महाराष्ट्र    मलखंभ कोच15    याज्की मॉनेकशॉ इटालिया    72 वर्ष    गुजरात    Indigenous-Sickle Cell16    शांति देवी और शिवान पासवान    --    बिहार    मधुबनी पेंटिंग17    रतन कहार    88 वर्ष    पश्चिम बंगाल    कला (लोकगीत गायन)18    अशोक कुमार बिस्वास    67 वर्ष    बिहार    पेंटिंग
पहली महिला महावत को सम्‍मान
असम की रहने वालीं पारबती बरुआ को पद्मश्री दिए जाने की घोषणा हुई है. वो देश की पहली महिला हाथी महावत, जिन्होंने समाज में चले आ रहे स्‍टीरियोटाइप को तोड़ते हुए इस ओर कदम रखा. 14 साल की उम्र से ही उन्‍होंने जंगली हाथियों को वश में करना शुरू किया था. उन्हें सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्मश्री के लिए चुना गया है.

जानिए बाकी 33 विभूतियों के बारे में भी
बता दें कि दो दिन पहले 23 जनवरी को केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान 'भारत रत्‍न' देने का फैसला लिया है.पिछले वर्ष राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी थी. इनमें 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री सम्‍मान शामिल थे.

 

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