कांग्रेस के पास पैसों की कमी, कैसे होगा चुनाव का काम

कांग्रेस के पास पैसों की कमी, कैसे होगा चुनाव का काम

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस समय पैसों की कमी से जूझ रही है। पार्टी के पास पर्याप्ट फंड नहीं है जिस वजह से चुनावी तैयारियों में भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से पार्टी ने अपने ही नेताओं से अपील की है कि वे चंदा देना शुरू कर दें जिससे बीजेपी के सामने पार्टी तैयारी कर सके। इसी कड़ी में गुरुवार को कांग्रेस की एक अहम बैठक हुई थी जिसमें राहुल गांधी द्वारा बड़े नेताओं की क्लास लगाई गई।कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी चंदे की कमी की वजह से नाराज चल रहे थे। 

इसके ऊपर पार्टी के ही कुछ बड़े नेताओं द्वारा चंदा नहीं दिया गया था जिस वजह से राहुल और ज्यादा बिफर गए। उनकी तरफ से दो टूक कहा गया कि पार्टी तो मां समान होती है, आप सभी को इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए और चंदा देना चाहिए। किसी भी तरह की कंजूसी ना बरतें। इसके बाद राहुल ने मजाकिया अंदाज में दिग्विजय सिंह ये भी पूछ लिया कि आपने कमलनाथ से पैसे लिए या नहीं। इस पर सभी कांग्रेस नेता हंसने लगे और माहौल कुछ हल्का हो गया।

वैसे इस समय कांग्रेस को चंदे की जरूरत इसलिए भी पड़ रही है क्योंकि पार्टी का मानना है कि वर्तमान में कॉरपोरेट जगत के ज्यादातर खिलाड़ी बीजेपी को ही सपोर्ट कर रहे हैं, ऐसे में सारा पैसा भी उनके पास ही जा रहा है। इसी वजह से खुद की मदद करने के लिए इस चंदे सिस्टम को शुरू किया गया है। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे जिनकी तरफ से कहा गया कि पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

उनकी तरफ से पार्टी को जानकारी दी गई कि संगठन को मजबूत करने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। 28 राज्यों के नेताओं के साथ भी बैठक हो चुकी है। मेनिफेस्टो तैयार करने के लिए भी एक कमेटी का गठन किया जा चुका है। अब ये मीटिंग उस समय हुई है, जब कहा जा रहा है कि कुछ दिनों में इंडिया गठबंधन भी अपनी पांचवी बैठक करने जा रहा है। ऐसे में उस बैठक से पहले कांग्रेस खुद को और ज्यादा मजबूत करना चाहती है जिससे विपक्षी दलों के सामने उसकी बारगेनिंग पावर बनी रहे।

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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