प्रतापगढ़ प्रशासन का नारा: बहुत हुआ रामराज, अब होगा कामकाज

डीएम के ताबड़तोड़ निरीक्षण से अधिकारी और कर्मचारी हुए सचेत

प्रतापगढ़ प्रशासन का नारा: बहुत हुआ रामराज, अब होगा कामकाज

प्रतापगढ। विगत 5 वर्षों में देखा गया कि प्रतापगढ़ जिले में सरकारी कामकाज सब राम भरोसे चल रहा था। जिले की नई तस्वीर बनाने एवं संवारने के लिए दो पहलू होते हैं एक तो जनप्रतिनिधि होते हैं जो विकासोन्मुखी योजनाओं को सरकार अथवा शासन से लाते हैं और दूसरा पहलू है कि शासन द्वारा आई हुई योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन हेतु प्रशासन ज़िम्मेदार होता है परंतु इस जनपद का दुर्भाग्य है कि प्रमुख पार्टियों से अलग-अलग सात विधायक हैं।स्वाभाविक है कि अनेकता में एकता बन ही नहीं पाएगी।

उनकी विचारधाराएं अलग होंगी और संयोग है कि प्रतापगढ़ के वर्तमान सांसद इंडी गठबंधन से विजई हुए थे जो मूलतः समाजवादी पार्टी से हैं। ऐसी विषम परिस्थिति में नई योजनाएं तो आने से रही फिर भी जनपद के दो विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां जनहितार्थ योजनाएं आती रहती हैं क्योंकि वहां के जनप्रतिनिधि सक्रिय हैं और अपने दम पर योजनाओं को अपने क्षेत्र में लाने में सफल भी रहते हैं और यही कारण है कि उन क्षेत्रों की जनता लाभान्वित होते हुए अपने जनप्रतिनिधियों से खुश रहती है। जहां तक दूसरे पहलू का सवाल है की सरकारी विभागों द्वारा शासन द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन की बात है तो यह कहने में कोई गुरेज नहीं की सरकारी कामकाज भी जैसे तैसे बेमन से निपटाने की कोशिश की जाती है इस प्रकार की कार्यशैली पर राहत इंदौरी का एक शेर है*आंखों में है कुछ, दिल में है कुछ, होठों पर कुछ है* वही हाल है कि सरकारी कामकाज की पेशबंदी आंकड़ों से कागज पर, वैसा मिलता नहीं धरातल पर। इस खेला को प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने टटोलना की शुरुआत की। उन्होंने सर्वप्रथम संपूर्ण समाधान दिवस की उपयोगिता को समझते हुए फरियादियों की शिकायतों के निस्तारण की ओर विशेष ध्यान केंद्रित किया और गत 17 मई को लालगंज तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में 326 प्राप्त शिकायतों के सापेक्ष 36 शिकायतों का मौके पर निस्तारण कर डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तहसील दिवस के उपरांत मौके पर जाकर आज ही एक या दो शिकायतों का निस्तारण करते हुए तहसील को सूचित करें और तय सीमा के अंदर समस्याओं का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हो,तब कहीं जाकर अधिकारी सचेत हुए हैं।

जहां विगत वर्षों में आधा दर्जन के आसपास शिकायतों का निस्तारण होता था वहीं विगत चार माह में तीन दर्जन शिकायतों का निस्तारण हो रहा है जो निःसंदेह डीएम की अच्छी कार्यशैली का द्योतक है।  वहीं दूसरी ओर देखा जाय कि डीएम ने प्रतापगढ़ में अपने चार माह की अल्पावधि में ताबड़तोड़ औचक निरीक्षण से अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मचा दी है। डीएम अवस्थी ने अब तक एआरटीओ ऑफिस, निबंधन कार्यालय ,विकास भवन, कलेक्ट्रेट, सीएचसी रानीगंज और नगरपालिका विभाग का निरीक्षण कर चुके हैं।

उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में *तरुणमित्र* को बताया कि किसी विभाग की अधिक शिकायतें मिलने पर वह निरीक्षण काफी गहनता के साथ जनहित में करते हैं। खामियां मिलने पर दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई भी करते हैं। डीएम के इस प्रभावी कार्यशैली से सभी विभाग सचेत हो गए हैं जिसके फलस्वरूप विभागीय कार्यों का निष्पादन पहले की अपेक्षा अब बेहतर ढंग से हो रहा है इससे यहां विकास कार्यों में तेजी आना स्वाभाविक है।

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