कथा को सुनने मात्र से कलियुग में जीव का कल्याण हो जाता है
कथा व्यास विमल चैतन्य ने परीक्षित वर्णन कर श्रोत्राओं को किया भाव विभोर
सीतापुर। शहर के मोहल्ला इस्माइलपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस वृंदावन से पधारे कथाव्यास विमल चैतन्य ने राजा परीक्षित को मिले श्राप और एक सप्ताह के सीमित समय मे मोक्षदायिनी श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण का विस्तार से वर्णन किया। इसके साथ ही उन्होंने सृष्टि के विस्तार पर भी प्रकाश डाला।
कथा व्यास ने आज की कथा में राजा परीक्षित को द्वारा श्रृंगी ऋषि को अपमानित किये जाने के परिणामस्वरूप दिए गए श्राप का जिक्र करते हुए कहा कि जब राजा परीक्षित ने मृत्यु को अवश्यम्भावी मानते हुए शुकताल में बैठकर शुकदेव महाराज से श्रीमद्भागवत कथा सुनी तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। महर्षि वेदव्यास के पुत्र शुकदेव जी भगवान ने श्रीमद्भागवत कथा को चार मंत्रो और दस लक्षणों से परिभाषित किया है। इस कथा में गोविंद समाया हुआ है और इस कथा को सुनने मात्र से कलियुग में जीव का कल्याण हो जाता है।
कथाव्यास ने आज भीमसेन द्वारा दुर्योधन की जांघ पर प्रहार किए जाने के बाद रणांगण में उसकी लाचार स्थिति और इस स्थिति के लिए जिम्मेदार पांडवों से बदला लेने के लिए अश्वश्तथामा से निवेदन किये जाने का प्रसंग सुनाया और अश्वश्तथामा द्वारा पांडव पुत्रों का सिर काट लेने की मार्मिक कथा का वर्णन किया। इसी क्रम में कथाव्यास ने गोविंद द्वारा उत्तरा के गर्भ की रक्षा किये जाने का भी प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जो गोविंद की शरण मे पहुंच जाता है वह हर स्थिति में उसकी रक्षा करते हैं। कथाव्यास ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कुंती बुआ से वरदान मांगने को कहने पर उनके द्वारा दुःख मांगने की चर्चा करते हुए कहा कि दुःख में हरी सुमिरन कराने की शक्ति होती है इसीलिए कुंती ने कृष्ण से सुख की बजाय दुख का वरदान मांगा।
कथाव्यास ने सृष्टि के निर्माण से पूर्व ब्रह्मा और रुद्र भगवान जी के अवतरण के बाद श्री हरि नारायण के वाराह अवतार और धरती की स्थापना के बाद सनदकुमारो के जन्म और उसके बाद राजा मनु और सतरुपा के जन्म की कथा को विस्तार से बताया। आज श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग और उसके सम्बन्ध में पूर्व से घोषणा किये जाने के परिणामस्वरूप भारी संख्या में भक्त एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे जो अपने साथ माखन मिश्री और फलों के अलावा टॉफी, खिलौने और बिस्किट आदि लेकर कथा पंडाल में पधारे थे।
आज की कथा के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला, पूर्व एमएलसी भरत त्रिपाठी, भाजपा जिला महामंत्री विश्राम सागर राठौर, रोहित सिंह, उदित बाजपेयी सचिन मिश्रा, निर्भय ब्राह्मण आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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