केन्द्र की उपलब्धियों के प्रचार के लिए सेना व अधिकारियों के दुरुपयोग का आरोप, 4 जनवरी को सुनवाई
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सत्ताधारी पार्टी पर पिछले नौ साल की अपनी उपलब्धियों के प्रचार के लिए सेना और सरकारी अधिकारियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी 2024 को करने का आदेश दिया है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि किसी कल्याणकारी योजना का प्रचार क्यों नहीं होना चाहिए। योजनाओं के प्रचार में मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री की तस्वीरें होती हैं। हर मुख्यमंत्री ऐसा करता है। तब याचिकाकर्ताओं ने कहा कि केवल पिछले नौ साल की योजनाओं के प्रचार के लिए सेना और सरकारी अधिकारियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। तब कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति तात्कालिक योजनाओं के बारे में जानना चाहता है। अगर कोई पचास साल पहले की योजना जानना चाहता है तो इसके लिए प्राइम मिनिस्टर्स म्युजियम है।
याचिका जगदीप एस छोकर और ईएएस शर्मा ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार नौ साल की उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिए सैन्य बलों का गलत इस्तेमाल कर रही है। यह नियमों के खिलाफ है और किसी राजनीतिक पार्टी के हितों को बढ़ावा देने जैसा है। याचिकाकर्ता ने इसे पॉलिटिकल प्रोपगेंडा कहा है।
इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता ने पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सत्तारूढ़ दल पर चुनावी लाभ के लिए लोक सेवकों के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की इजाजत दे दी थी। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
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