बिहार: गोपाल खेमका का हत्यारा शूटर-मास्टरमाइंड गिरफ्तार

बिहार: गोपाल खेमका का हत्यारा शूटर-मास्टरमाइंड गिरफ्तार

पटना। बिहार के बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या 3.5 लाख रुपये की सुपारी देकर कराई गई थी। पटना पुलिस की विशेष टीम ने सोमवार को शूटर उमेश यादव, मास्टरमाइंड अशोक शाह और राजा को गिरफ्तार कर लिया। उमेश की गिरफ्तारी पटना शहर के मालसलामी इलाके से हुई।
 
पुलिस के मुताबिक जांच में यह पता चला है कि बिल्डर अशोक शाह ने उमेश को गोपाल खेमका की हत्या की सुपारी दी थी। रेंज आईजी जितेंद्र राणा, एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा, सिटी एसपी मध्य दीक्षा समेत अन्य पुलिस अधिकारी पिछले दो दिनों से पटना शहर इलाके में कैंप कर रहे थे। पुलिस ने शूटर के पास से 3 लाख रुपये नकद, पिस्टल, स्कूटी और घटना में इस्तेमाल कपड़े बरामद किए हैं।
 
पुलिस ने की शूटर की पहचान
गिरफ्तारी के बाद जब सीसीटीवी कैमरे से शूटर के चेहरे का मिलान किया गया तो वह उमेश निकला। सूत्रों की मानें तो गोपाल खेमका को जानने वाले एक कारोबारी ने इस घटना की साजिश रची थी। सूत्रों का कहना है कि पुलिस को इसका भी पता चल गया है। इसी सिलसिले में उदयगिरी अपार्टमेंट में छापेमारी की गई।
 
कड़ियां जोड़ने में जुटी पुलिस
शूटर को गिरफ्तार करने के बाद रेंज आईजी जितेंद्र राणा, एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा एसआईटी की पुलिस के साथ सोमवार देर रात तक पटना सिटी इलाके में मौजूद रहे। वहां शूटर से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि घटना में उसके साथ और कौन-कौन लोग थे, और गोपाल खेमका की हत्या के पीछे का मकसद क्या था।
 
आपको बता दें कि पटना के दिग्गज कारोबारी गोपाल खेमका 4 जुलाई को गांधी मैदान थाना क्षेत्र के राम गुलाम चौक स्थित अपने घर के पास अपनी कार से उतर रहे थे। इस दौरान पहले से घात लगाए बैठे एक हमलावर ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इस घटना ने सूबे की कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी।
 
7 साल पहले हुई थी बेटे की हत्या
इससे पहले साल 2018 में गोपाल खेमका के बड़े बेटे गुंजन खेमका की भी गोली मारकर हत्या की गई थी। वहीं, 1999 में गोपाल खेमका के बड़े भाई पर भी हमला हो चुका है। यही वजह है कि गोपाल खेमका हत्याकांड के पीछे किसी गहरी साजिश का अंदेशा जताया जा रहा है।
 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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