बीएचयू के शोध छात्र एवं अध्यापकों का "संस्कृति सफारी" खिलौना दक्षिण एशियन बी2बी व्यापार शो में चयनित
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दृश्य कला विभाग के शोध छात्र एवं अध्यापकों द्वारा तैयार किया गया "संस्कृति सफारी" खिलौना दक्षिण एशियन बी2बी व्यापार शो में चयनित हुआ है। इसे विभाग के अंतर्राष्ट्रीय शोध छात्र हिमेश बाबूलाल, सहायक प्रोफेसर सृष्टि प्रजापति, विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष अरोड़ा के मार्गदर्शन में संयुक्त रूप से तैयार किया गया है।
"संस्कृति सफारी" एक अभिनव खेल है जो भारतीय बनारसी ज्ञान परंपरा पर आधारित है। इसमें बनारस के पारंपरिक लकड़ी के खिलौने, नाव, खाट, संगीत वाद्य, पंडित परंपरा, और जीआई टैग से जुड़े स्थानीय उत्पादों को समावेशित किया गया है। इसका उद्देश्य खेल के माध्यम से लोगों को बनारसी विरासत और भारतीय ज्ञान परंपरा का अध्ययन और अनुभव कराना है।विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष अरोड़ा ने बताया कि नई दिल्ली के भारत मंडपम, प्रगति मैदान स्थित हॉल नंबर-4 में आयोजित दक्षिण एशियन बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) व्यापार शो में, भारतीय परंपरा और संस्कृति पर आधारित खिलौनों की वैश्विक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 4 जुलाई से 7 जुलाई 2025 तक चला।, जिसका संयुक्त आयोजन भारतीय खिलौना संघ और सृजन संचार, नई दिल्ली ने किया था। प्रो.मनीष के अनुसार इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य था - नवाचार के माध्यम से भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक खिलौनों के रूप में प्रस्तुत करना। देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से लगभग 200 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं, जिनमें से 12 श्रेष्ठ प्रविष्टियों का चयन किया गया। इनमें से काशी हिंदू विश्वविद्यालय, दृश्य कला विभाग के शोध छात्र एवं अध्यापकों द्वारा तैयार किया गया "संस्कृति सफारी" खिलौना विशेष रूप से सराहनीय रहा और उसका चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में लगे स्टॉल पर आगंतुकों को इस खेल का जीवंत अनुभव प्राप्त किया, जहाँ उन्होंने (खुद) इसका विस्तृत विवरण भी प्रस्तुत किया। समापन समारोह में, इस खेल की एक बुकलेट व संक्षिप्त विवरणिका विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष अरोड़ा ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को भेंट किया। विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष अरोड़ा ने कहा कि ऐसे आयोजनों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की संयुक्त भागीदारी से समाज में भारतीय संस्कृति की समझ को नया दृष्टिकोण मिलता है और छात्र प्रेरित होते हैं।
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