इन्हें मिला सिर्फ वोट का हक, योजनाओं में भागीदारी नहीं!
-झोपडियों में जीवन जी रहे भाट जाति के लोग
-अब तक नहीं मिली किसी सरकारी योजना की सौगात
मथुरा। आजादी के बाद कुछ लोगों को वोट का हक तो मिला लेकिन सात दशक बाद भी सरकारी योजनाओं में भागीदारी नहीं मिल सकी है। हालांकि इसके लिए सरकारी योजनाएं कम कुछ प्रथाएं कहीं ज्यादा जिम्मेदार हैं। बावजूद इसके इन वंचितों तक सरकारी सुविधाओं के नहीं पहुंचने के पीछे जिम्मेदारों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी बडी समस्या रहा है। ये कहीं कच्ची झोपड़ियों में रह रहे हैं तो कहीं खुले आसमान के नीचे पर किसी भी सरकार में इन्हें एक छत न मिल सकी। इन के बच्चों से अभी भी शिक्षा का उजियारा दूर है। यहां तक शौचालय जैसी सुविधाएं भी इन परिवारों तक नहीं पहुंची हैं। सरकारी राशन भी इन्हें नहीं मिलता है। इस सबके बीच इन्हें जो मिला है वह है वोट डालने का अधिकार, इनके वोट से जीतने वालों को कभी उनकी जिंदगी से सरोकार नहीं रहा।
मथुरा जनपद में ये लोग कई जगह रह रहे हैं या कहें कि जगह जगह रह रहे हैं। गोवर्धन तहसील अंतर्गत पूर्व ऊर्जा मंत्री एवं वर्तमान में मथुरा शहर सीट से विधायक श्रीकांत शर्मा के गांव का ... है। यहां भी भाट जाति के लोग जंगलों में नालों की पटरियों पर सड़क किनारे रह रहे हैं। घर के नाम पर सिर्फ फूंस की कच्ची झौंपडी हैं। इन लोगों का कहना है कि हम अपना वोट तो डालते हैं पर सरकार की अब तक किसर प्रकार की कोई सुविधा हम तक नहीं पहुंच पाई है। न तो हमारे पास रहने के लिए जमीन है न हमें सरकार की तरफ से पक्के घर मिले हैं।
न शौचालय की सुविधा मिली है न हमारे बच्चों को पढ़ने की सुविधा मिलती है और न सही समय पर चिकित्सा सुविधा मिल पाती है। जिसके चलते कई दुखद हादसे भी हमारे साथ घट चुके हैं। नगला देविया के समीप नाले की पटरी पर और सौख में आजल गांव के समीप नाले पर निवास कर रहे इन लोगों की लगभग 45 डिग्री तापमान में भयावह स्थिति देखी जा सकती है इन लोगों का शासन प्रशासन से अनुरोध है इन्हें आवास योजना के तहत पक्के मकान और अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया जाए। दूसरी सरकारी सुविधाओं का लाभ जब देश के अन्य लोगों को मिल रहा है तो उन्हें भी मिलना चाहिए।
टिप्पणियां