कुशीनगर : मकर संक्रांति सोमवार को इस वर्ष अमृत योग में पुण्यकाल
पडरौना,कुशीनगर। पुरोहित पंडित दीपक मिश्रा ने कहा कि धर्मशास्त्रों के अनुसार मकर संक्रान्ति पुण्यकाल इस वर्ष पौष शुक्ल चतुर्थी तिथि प्रातः 09:29 तक पश्चात् पंचमी तिथि सोमवार को पूरे दिन भोग करेगी। मिश्रा ने कहा कि 15 जनवरी सोमवार को इस दिन शतभिषा नक्षत्र व अमृत नामक योग है। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी सोमवार को प्रातः 08:42 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे अतः मकर संक्रान्ति इसे लोग भाषा मे खिचड़ी कहते है ,पुण्यकाल 15 जनवरी सोमवार को मनाया जाएगा। आगे कहा कि मेषादि 12 राशियों में सूर्य के परिवर्तन काल को संक्रान्ति कहा जाता है,अतः किसी भी संक्रान्ति के समय स्नान,दान,जप,यज्ञ का विशेष महत्व है । पृथ्वी के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रान्ति कहते है, सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा कि ओर जाना और कर्क रेखा से दक्षिणी रेखा की ओर जाना उसे दक्षिणायन कहते है, उत्तरायण में दिन बड़ें हो जाते है। प्रकाश बढ़ जाता है। रातें दिन कीअपेक्षा छोटी होने लगती है। दक्षिणायन में इसके ठीक विपरीत होता है । मिश्रा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन की रात्रि है। वैदिक काल में उत्तरायण को देवयान तथा दक्षिणायन को पितृयान कहा जाता है। मकर संक्रान्ति के दिन यज्ञ में दिए गए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देवता पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। इसी मार्ग से पुण्यात्मायें शरीर छोड़कर स्वर्गादि लोकों में प्रवेश करतीं है। इसलिए यह आलोक का अवसर माना जाता है। धर्मशास्त्रों के कथनानुसार इस दिन पुण्य,दान,जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अत्यन्त महत्व है ।इस अवसर पर किया गया दान पुनर्जन्म होने पर सौ गुना होकर प्राप्त होता है। इस पर्व पर तिल का विशेष महत्व है। तिल खाना तथा तिल बाँटना इस पर्व की प्रधानता है। शीत के निवारण के लिए तिल,तेल तथा तूल का महत्व है। तिल मिश्रित जल से स्नान,तिल-उबटन,तिल-हवन,तिल-भोजन तथा तिल-दान सभी कार्य पापनाशक है इसलिए इस दिन तिल,गुड तथा चीनी मिले लड्डू खाने और दान देने का विशेष महत्व है।" मकर संक्रान्ति" से एक दिन पूर्व हिमाञ्चल , हरियाणा तथा पंजाब में यह त्योहार" लोहड़ी " के रूप में मनाया जाता है। यह मकर संक्रान्ति जो खिचड़ी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने और खिचड़ी -तिल के दान का विशेष महत्व है। इस अवसर पर गंगा सागर में बहुत बड़ा मेला लगता है। मकर संक्रान्ति का पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाने से सामाजिक एकता और अनन्त पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
पुरोहित पंडित दीपक मिश्रा ने कहा क कि मकर राशि पर सूर्य का प्रवेश तिथि 15 जनवरी सोमवार को प्रातः 8:42 पर हो रहा है। उस समय कुम्भ लग्न भोग करेगी जो कुम्भ राशि वालों के लिए यह संक्रान्ति अत्यन्त लाभकारी होगी । मकर और कुम्भ राशि वालों के रुके हुए कार्य त्वरित होने लगेंगे। मेष व वृश्चिक राशि के लोगो को भूमि का सुख प्राप्त हो सकता है। वृष व तुला राशि के लोगो को वाहन व भवन का योग है। मिथुन व कन्या राशि के लोगो के लिए धन लाभ । कर्क राशि के लोगो के लिए व्यापार में लाभ व रुके हुए कार्य होंगे । सिंह राशि के लोगो के लिए वाहन सुख की प्राप्ति व राजनैतिक लाभ । धनु व मीन राशि के लोगो के लिए पद व प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।
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