निजीकरण के विरोध में शक्तिभवन पर क्रमिक अनशन जारी
निजीकरण के बाद मंहगी बिजली करने की तैयारी
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर मंगलवार को लगातार पांचवे दिन शक्तिभवन मुख्यालय पर बिजली कर्मचारियों का क्रमिक अनशन जारी रहा। आज ताप विद्युत परियोजनाओं के बिजली कर्मी अनशन में सम्मिलित हुए। समिति ने कहा कि निजीकरण के पहले मिर्जापुर में अडानी से बहुत मंहगी दरों पर बिजली खरीद करार निजीकरण के बाद आम उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली देने की तैयारी है।
संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए अवैध ढंग से झूठा शपथ पत्र देने वाले नियुक्त किये गया ट्रांजैक्शन कन्सलटेंट ग्रान्ट थॉटर्न अडानी पॉवर का भी कंसलटेंट है जिससे मंहगी बिजली खरीद का करार होने वाला है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि निजीकरण के बाद निजी घरानों को मदद करने के लिए आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली मंहगी करने की तैयारी है।
समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि सोनभद्र जनपद में उत्पादन निगम की अनपरा ‘ए’ परियोजना से 2.816 रूपये प्रति यूनिट, अनपरा ‘बी’ परियोजना से 2.502 रूपये प्रति यूनिट तथा अनपरा ‘डी’ परियोजना से 3.574 रूपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है।
अडानी पॉवर के साथ 25 वर्षों की अवधि के लिए किये जाने वाले बिजली क्रय करार के अनुसार 5.383 रूपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी जो सरकारी क्षेत्र के उत्पादन निगम से मिलने वाली बिजली की तुलना में कहीं अधिक मंहगी है।
उन्होंने कहा कि ग्रान्ट थॉर्टन अडानी पॉवर का भी सलाहकार है। अतः ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की दृष्टि से ही अडानी पावर के साथ मंहगी बिजली खरीदने का करार किया गया है। स्पष्ट है कि निजीकरण के बाद पूर्वांचल की गरीब जनता के लिए बिजली की दरें बढ़ने वाली है। संघर्ष समिति ने उपभोक्ताओं को आगाह किया कि निजीकरण प्रदेश को लालटेन युग में ले जायेगा।
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