फातिमा अस्पताल, नेत्र (कॉर्निया) प्रतिरोपण की सफल शुरुआत
निदेशक फा० डॉ. संतोष सेबास्टियन ने इस अवसर पर कहा यह उपलब्धि न केवल फातिमा अस्पताल के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे पूर्वाचन क्षेत्र के मरीजों के लिए आशा की नई किरण है। अब गोरखपुर और आस-पास के जिलों के मरीजों को नेत्र प्रतिरोपण के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।"
गोरखपुर,फातिमा अस्पताल, गोरखपुर में चिकित्सा सेवाओं की दिशा में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। हाल ही में अस्पतान की HOTA (The Transplantation of Human Organs and Tissues Act) के अंतर्गत कॉर्निया ट्रांसप्लांट (नेत्र प्रतिरोपण) के लिए अधिकृत लाइसेंस प्राप्त हुआ है।
इस उपलब्धि के पश्चात, अस्पताल में डॉ. पल्लवी धवन के नेतृत्व में पहला सफल नेत्र (कॉर्निया) प्रतिरोपण किया गया। वह मर्जरी चिकित्सा विज्ञान की उच्चतम तकनीक और दक्ष विशेषज्ञों की टीम डॉ अंजुम जैन, विभागाध्यक्ष डॉ नीलिमा जैन (MBBS,MS), डॉ शौर्य वर्मा (MBBS,MS) के द्वारा पूर्ण की गई, जिसमे दृष्टिहीन मरीज को नई रोशनी मिली।
फातिमा अस्पताल के निदेशक फा० डॉ. संतोष सेबास्टियन ने इस अवसर पर कहा यह उपलब्धि न केवल फातिमा अस्पताल के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे पूर्वाचन क्षेत्र के मरीजों के लिए आशा की नई किरण है। अब गोरखपुर और आस-×पास के जिलों के मरीजों को नेत्र प्रतिरोपण के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।" डॉ. पल्लवी धवन ने बताया कि, कॉर्निया प्रतिरोपण उन मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी है. जिनकी दृष्टि कॉर्निया की क्षति के कारण प्रभावित हुई है। यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित है और उचित देखभाल ने मरीज अपनी दृष्टि पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
नेत्र रोग विभाग की प्रमुख डॉ. अंजुम जैन ने भी अपने विचार साम्रा किए। उन्होंने कहा यह हमारे विभाग और अस्पताल के लिए एक अत्यंत गर्व का क्षण है। हमारी टीम का लक्ष्य केवल सर्जरी करता नहीं, बल्कि हर जरुरतमंद मरीज को दृष्टि का उपहार देना है। हम भविष्य में और अधिक मफल प्रतिरोपण कर, इस सेवा को बऔर विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
फातिमा अस्पताल का नेत्र विभाग पूर्वाचन क्षेत्र में अपनी तरह का एकमात्र अत्याधुनिक केंद्र है, जहाँ नेत्र चिकित्मा के लिए समर्पित एक विशेष "आई ब्लॉक स्थापित किया गया है। विभाग में कुल पाँच पूर्ण रूप से सुसज्जित ऑपरेशन थिएटर (OTS) हैं, जिनमें जटिल में जटिल नेत्र सर्जरी अत्याधुनिक तकनीक द्वारा की जाती है। मरीजों की दृष्टि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यहाँ एक विचस्तरीय ऑप्टिकल शॉप भी उपलब्ध है, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले चश्मे प्रदान किए जाते हैं।
200 व्यक्तियों के टहरने लिए डोरमेट्री भी मौजूद है। इसके अतिरिक्त, नेत्र चिकित्सा सेवाओं का विस्तार करते हुए फातिमा अस्पताल ने सात जिलों में सैटेलाइट आई क्लीनिक की स्थापना की है. जो ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में भी नेत्र सेवाएं सुलभ बनाती है। निर्धन और असमर्थ मरीजों के लिए अस्पताल द्वारा निःशुल्क परिवहन मेवा उपलब्ध कराई जाती है।
साथ ही. एक पूरी तरह से सुसजित मोबाइल ऑप्वाल्मिक बैन के माध्यम से गांव-गांव जाकर नेत्र जांच और जनजागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। विभाग में नेत्र जांच एवं मर्जरी हेतु नवीनतम तकनीक और उपकरणों का उपयोग किया जाता है. जिससे मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी उपचार सुनिश्चित किया जा सके।
फातिमा अस्पताल द्वारा यह पहल क्षेत्र के नेव रोगियों को बेहतर और सुलभ इलाज देने की दिशा में एक सलक्क कदम है।
1995 में स्थापित फातिमा अस्पताल की सेवाएं प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PMIAY), भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य (ECHS), पूर्वोतर रेलवे, एम.ए.एम. एन.टी.पी.सी., भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI), गोरखपुर एस.बी.आई (SBI), फ्यूचर जनरली हेल्थ इंप्योरेंस एवं मा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोश, उत्तर प्रदेय आदि से इम्पैनलमेंट है तथा 24 घंटे इमरजेंसी सेवा, ब्लड बैंक, फार्मेसी एवं एम्बुलेन्स सेवा उपलब्ध हैं।
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