सरकारी अफसरों-कर्मियों को ‘हेल्मेट-सीट बेल्ट’ लगाना जरूरी!
सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा संकल्प पर परिवहन विभाग ने शुरू की ठोस पहल
लखनऊ। योगी सरकार के सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा संकल्प को व्यापक स्तर पर क्रियान्वित करने के मद्देनजर परिवहन आयुक्त कार्यालय ने मंगलवार को ठोस पहल शुरू की है। इसके तहत परिवहन आयुक्त द्वारा जारी आदेश पत्र के क्रम में अब से राज्य सरकार के समस्त शासकीय/अर्ध-शासकीय कार्यालयों के लिये समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, आयुक्त पुलिस, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने को निर्देशित किया गया है कि उनके अधीन कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा दोपहिया वाहन का प्रयोग करते समय चालक द्वारा स्वयं एवं उनके सहयात्री (पिलियन राइडर) द्वारा भी हेलमेट का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।
साथ ही चार पहिया वाहन चालकों एवं अन्य यात्रियों के लिए सीट बेल्ट का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाए। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा कैबिनेट सेक्रेटरी, भारत सरकार को उत्तर प्रदेश में कार्यरत भारत सरकार के समस्त कार्यालयों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में उक्त निदेर्शों का कड़ाई के अनुपालन कराये जाने के लिये भी अनुरोध किया गया है।
विदित हो कि न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे (पूर्व न्यायाधीश, सर्वाेच्च न्यायालय), की अध्यक्षता में गत पांच फरवरी 2025 को लखनऊ में सड़क सुरक्षा की आहूत समीक्षा बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी उपाय अपनाने पर विशेष जोर दिया गया, जिसके तहत उक्त जीओ निर्गत कर सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में कमी लाये जाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण पहल की गयी है।
इसी क्रम में परिवहन आयुक्त बीएन सिंह उत्तर प्रदेश द्वारा रजिस्ट्रार-उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, लखनऊ बेंच, समस्त राष्ट्रीकृत बैंक, निजी बैंक, कॉपरेटिव बैंक, ग्रामीण बैंक, इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक से भी अपील की गई है।
आदेश के तहत क्या-क्या मॉनीटरिंग होनी है...!
(क) सभी विभागाध्यक्ष एवं कार्यालयाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी इस निर्देश का पूर्णत: पालन करें।
(ख) इसी प्रकार जो अधिकारी/कर्मचारी चार पहिया वाहन से कार्यालय आते हैं, वे वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें एवं अन्य सभी सह यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य करें।
(ग) प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी हेलमेट एवं सीट बेल्ट के अनुपालन की जांच करें। बिना हेलमेट/सीट बेल्ट के प्रवेश करने पर रोक लगायी जाए।
(घ) यातायात पुलिस तथा जिला प्रशासन इस नियम का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करायें और उल्लंघन करने वालों पर आवश्यक कार्रवाई करें।
(ड़.) सभी कर्मचारी सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने को जागरूक हों और हेलमेट व सीट बेल्ट के उपयोग को अपनी दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा बनाएं।
(च) नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही पर विचार किया जाए।
(छ) उपर्युक्त निर्देश केवल एक औपचारिकता न होकर, प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यन्त आवश्यक है। हम सभी को इस पहल को गंभीरता से लेना चाहिए और समाज में एक सकारात्मक वातावरण का सृजन करना चाहिए।
यह निर्देश सर्वाेच्च न्यायालय सड़क सुरक्षा समिति की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना एवं सभी सड़क उपयोगकतार्ओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उपरोक्त नियमों का अनुपालन कर समस्त अधिकारी/कर्मचारी समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में आम-जन को प्रोत्साहित करेंगे।
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