भवन निर्माण कार्यो की कार्यशाला में गिनाई उपलब्धियां
देश में ईपीसी मोड ने निर्माण कार्यों में पकड़ी रफ्तार
लखनऊ। देश में ईपीसी मोड पर भवन निर्माण कार्यो में रफ्तार देखी जा सकती है । शनिवार को योजना भवन में ईपीसी मोड निर्माण कार्यो पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2019 से उत्तर प्रदेश में ईपीसी मोड पर कार्य आरंभ हुआ, जिससे निर्माण के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। शासन का लक्ष्य सार्वजनिक भवनों का निर्माण कार्य उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ निश्चित समय में पूरा कराना है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को 2017 से अब तक पूरी तरह से ट्रांसफार्म किया गया। 50 करोड़ रुपए ही नहीं 20 करोड़ रुपए से अधिक लागत के निर्माण कार्य ईपीसी मोड पर कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले व्यवस्थाओं में निर्णय लेने की क्षमता में कमी थी। आज देश में निर्माण कार्यों की रफ्तार में तेजी आई है। पहले प्रोजेक्ट डिजाइन, बिड और बिल्ड के आधार पर बनाये जाते थे।
ईपीसी मोड से समय और धन दोनों की बचत होती है। परियोजना को डिजाइन करना, उसमें लगने वाली सामग्री को खरीदना और निर्माण ठेका लेने वाली फर्म की जिम्मेदारी होती है। ईपीसी मोड पर दो साल से कम की अवधि में दिल्ली की नई संसद बन कर तैयार हुई। इसके अलावा वहीं पर डिफेंस आॅफिस कॉम्प्लेक्स भी अल्प अवधि में बनकर तैयार हुआ। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य में निरंतर परिवर्तन और सुधार की जरुरत रहती है। प्रदेश में इस विषय पर पहली कार्यशाला आयोजित की गई है, जिसमें निर्माण तथा कंसल्टेंसी एजेंसियों को अपने कार्य में आ रही दिक्कतों का समाधान, सुझावों और नए विचारों को शामिल कर और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
वहीं प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में जो निविदायें गतिमान है, उसमें सभी कांट्रेक्टर, एजेंसी और कंसल्टेंट शामिल हो। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ईपीसी को मिशन मोड में गठित किया गया है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार,मंत्री, लोनिवि के तकनीकी सलाहकार वीके सिंह, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियन्ता राजेश बांगा, एनबीसीसी में तकनीकी सेल के महाप्रबंधक विवेक गुप्ता, ईपीसी मिशन के मुख्य अभियन्ता जितेन्द्र कुमार बांगा एवं निर्माण तथा कन्सल्टेन्सी एजेंसियों के प्रतिनिधि समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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